दिल्ली में हुई हिंसा पर याचिकाकर्ता अजय गौतम ने हाईकोर्ट से इस मामले में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के कुछ नेताओं के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करने की मांग की है. इसके साथ अजय गौतम ने अपनी याचिका में कहा कि सीएए विरोधी प्रदर्शनों के पीछे राष्ट्रविरोधी ताकतों के समर्थन की एनआईए जांच होनी चाहिए.
दिल्ली पुलिस ने भी इन प्रदर्शनों के पीछे गहरी साजिश को लेकर अपना जवाब दाखिल किया है. इन मामलों में अकेले दिल्ली पुलिस की जांच पर्याप्त नहीं है. इस गहरी साजिश की एनआईए जांच जरूरी है. हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से अगले हफ्ते तक याचिकाकर्ताओं की ओर से रखी गई दलीलों का जवाब देने के लिए कहा है. इस मामले में सुनवाई अगले हफ्ते फिर होगी.
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डीसीपी व्यक्तिगत रूप से करें जांच की निगरानी- दिल्ली हाईकोर्ट
कोर्ट ने नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली दंगों के मामले में निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिए हैं. कोर्ट के ध्यान में लाया गया था कि पुलिस ने अभी तक जाफराबाद और मौजपुर मेट्रो स्टेशनों पर और फोटोग्राफरों के कैमरों से दंगों से जुड़े वीडियो-फुटेज को जब्त या सुरक्षित नहीं किया है.
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मामले में साक्ष्य के अहम हिस्से यानी वीडियो फुटेज के महत्व पर जोर देते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने डीसीपी से कहा कि वे व्यक्तिगत रूप से जांच की निगरानी करें. कोर्ट ने पिंजरा तोड़ के कार्यकर्ताओं देवांगना कलिता, नताशा नरवाल और कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां की न्यायिक हिरासत को बढ़ाते हुए 14 अगस्त तक यह आदेश पारित किया. दिल्ली हिंसा के इस मामले की जांच दिल्ली स्पेशल सेल द्वारा UAPA मामले के तहत की जा रही है.