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दिल्ली: अधिकारियों ने नहीं दिए जवाब, स्पीकर ने प्रिविलेज कमिटी को भेजा मामला

मनीष सिसोदिया ने सदन में कहा कि अधिकारियों को बार-बार चेतवानी दी गई है. सेक्रेटरी एजुकेशन को भी आज 2 बजे सदन में आने के लिए कहा था लेकिन वे नहीं आए. ये सदन की अवमानना है. शायद जवाब मिलने पर एलजी या अधिकारी के खिलाफ खुलासा होने की आशंका है इसलिए जवाब नहीं दिया जा रहा. ये जांच का विषय है.

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दिल्ली विधानसभा
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दिल्ली विधानसभा में पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग को लेकर बुलाये गए विशेष सत्र के आखिरी दिन अधिकारियों द्वारा सवाल का जवाब न मिलने का मुद्दा उठा. कई विधायकों के सवालों के जवाब नहीं मिलने पर संबंधित विभाग के मंत्रियों ने सदन को बताया कि अधिकारियों ने आरक्षित मुद्दों पर जवाब देने से मना कर दिया.

मनीष सिसोदिया ने सदन में कहा कि अधिकारियों को बार-बार चेतवानी दी गई है. सेक्रेटरी एजुकेशन को भी आज 2 बजे सदन में आने के लिए कहा था लेकिन वे नहीं आए. ये सदन की अवमानना है. शायद जवाब मिलने पर एलजी या अधिकारी के खिलाफ खुलासा होने की आशंका है इसलिए जवाब नहीं दिया जा रहा. ये जांच का विषय है.

स्पीकर राम निवास गोयल ने अधिकारियों पर निशाना साधते हुए कहा कि राजनेता के जवाब में अधिकारियों का उत्तर नहीं देना लोकतंत्र के खिलाफ कुठाराघात है. लोकतंत्र के इतिहास में ये काले अक्षरों में लिखा जाएगा, जबकि अधिकारी नौकरी पाते हैं तो शपथ लेते हैं कि वे किसी दबाव में नहीं आएंगे.

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इससे पहले पुलिस, डीडीए या अन्य तमाम विभागों के उत्तर सदन को भेजे जाते थे. लेकिन जवाब न देकर भ्रष्टाचार छिपाने की एक कोशिश हो सकती है. फिलहाल नाराज स्पीकर ने मामला प्रिविलेज कमिटी को भेजकर अगले एक महीने में रिपोर्ट देने का आदेश दिया है.

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