देश में कोरोना वैक्सीनेशन की शुरुआत हो चुकी है. देशभर में सबसे पहले फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन लगाई जा रही है. दिल्ली में पहले दिन के मुकाबले दूसरे दिन 50% से भी कम हेल्थकेयर वर्कर्स वैक्सीन लगवाने पहुंचे हैं. इस बीच आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार से वैक्सीन को लेकर आम लोगों का भरोसा बढ़ाने की मांग की है.
दरअसल, दिल्ली की 81 वैक्सीनेशन साइट पर रोजाना लगभग 8100 हेल्थकेयर वर्कर्स को वैक्सीन लगाई जानी है. लेकिन, को-विन प्लेटफॉर्म पर रजिस्ट्रेशन के बावजूद पहले दिन 4319 और दूसरे दिन 3598 हेल्थकेयर वर्कर्स वैक्सीन लगवाने पहुंचे.
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि वैक्सीन से जुड़े तकनीकी लोगों और स्वास्थ्य मंत्रालय को पब्लिक के सामने आकर जानकारी देनी चाहिए. स्वास्थ्य मंत्रालय को लोगों के जहन में उठ रहे सवालों का जवाब देना चाहिए. ताकि लोगों का भरोसा बढ़े और भरोसा बढ़ेगा तभी लोग वैक्सीन लगवाने आएंगे. अगर भरोसा कम रहेगा तो वैक्सीन कम लगवाएंगे.
आगे AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सरकार को कॉन्फिडेंस बिल्डिंग पर काम करना चाहिए. वैक्सीन ऐसी चीज है जो लोग भाग भागकर लगवाना चाहते थे. जब वैक्सीन नहीं आई थी तब लोग हमें व्हाट्सएप पर और फोन करके पूछ रहे थे कि वैक्सीन कब आएगी. ऐसे में केंद्र सरकार को कम होते कॉन्फिडेंस को बढ़ाने पर फोकस करना चाहिए.
इससे पहले दिन के आंकड़े सामने आने के बाद, वैक्सीनेशन के कम आंकड़ो पर दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना था कि वैक्सीनेशन पूरी तरह से स्वैच्छिक है अनिवार्य नहीं है. जैन ने कहा था कि "पूरे देश में ही करीब 50% वैक्सीनेशन हुआ है और दिल्ली में भी 50% है. सभी जगह पर आंकड़ा आधे के आसपास ही है. सब जगह एक ही वजह हो सकती है अलग अलग नहीं. कुछ लोग आखिरी समय पर सामने नहीं आए. हालांकि, अंदाज़ा लगाने से फायदा नहीं है कि क्यों सामने नहीं आये.
दरअसल, वैक्सीनेशन पूरी तरह से स्वैच्छिक है अनिवार्य नहीं है. लगवाने वाले को पूरी छूट है, रजिस्टर्ड कराने के बाद भी ऐसा नहीं है कि वैक्सीन लगवानी ही पड़ेगी. वैक्सीन लगाने को लेकर पुनर्विचार के सवाल पर सत्येंद्र जैन ने कहा था कि सब कुछ जैसा एक्सपर्ट्स ने बताया है उसी हिसाब से किया जा रहा है केंद्र सरकार ने जो भी परमिशन पूरी जांच के बाद ही दी है इस पर घबराने वाली बात नहीं है.