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दिल्ली अनलॉक: पहले दिन 4.5 लाख यात्रियों ने की मेट्रो की सवारी, बाजार खुले लेकिन ट्रेडर रहे कंफ्यूज

कोरोना वायरस की दूसरी लहर कमजोर होने के बाद दिल्ली सरकार ने लॉकडाउन में ढील देना शुरू किया. इसके तहत ही सोमवार को ऑड-ईवन फॉर्मूले के आधार पर दुकानें खुलीं. अनलॉक के पहले दिन करीब 4.5 लाख यात्राएं की गईं.

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दिल्ली में एक महीने बाद मेट्रो सेवा शुरू
दिल्ली में एक महीने बाद मेट्रो सेवा शुरू
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 7 जून से दिल्ली हो रहा है अनलॉक
  • मेट्रो सेवा शुरू, कई जगह दुकानें खुलीं

कोरोना की दूसरी लहर से धीरे-धीरे उबर रहे दिल्ली में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो गई है. हालांकि, अनलॉक के पहले दिन यानी 7 जून को दुकानदारों में भारी कंफ्यूजन की स्थिति रही. दिल्ली के बाजारों और मॉल में सन्नाटा पसरा रहा और कुछ ही दुकानें ऑड-ईवन के आधार पर खुलीं. कई जगह कंफ्यूजन की स्थिति रही.

कोरोना वायरस की दूसरी लहर कमजोर होने के बाद दिल्ली सरकार ने लॉकडाउन में ढील देना शुरू किया. इसके तहत ही सोमवार को ऑड-ईवन फॉर्मूले के आधार पर दुकानें खुलीं. जहां कुछ बाजारों में ऑड-ईवन नियम का पालन नहीं किया गया, वहीं अन्य जगहों पर व्यापारी इस बात को लेकर असमंजस में थे कि इस नियम को कैसे लागू किया जाए.

चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री के चेयरमैन बृजेश गोयल के अनुसार, पुरानी दिल्ली के बाजारों जैसे चांदनी चौक, कश्मीरी गेट, चावड़ी बाजार और सदर बाजार में ऑड-ईवन को लेकर कुछ संशय था क्योंकि एक ही नंबर की कई दुकानें हैं. उन्होंने कहा, 'हमने दुकानदारों से कहा कि वे अपने स्तर पर दुकानों को चिह्नित करें और दुकानों पर नंबर आवंटित करें.'

दिल्ली के गोल बाजार में एक शराब की दुकान पर लंबी कतार थी और अधिकारियों को दुकान बंद करनी पड़ी क्योंकि उन्होंने पाया कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा था. पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) आर मीणा ने स्थिति की समीक्षा करने के लिए सोमवार सुबह क्षेत्र के मुख्य बाजारों का दौरा किया.

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पहले दिन करीब 4.5 लाख यात्राएं
दिल्ली में करीब एक महीने बाद कल यानी 7 जून से मेट्रो सेवाएं शुरू हो गई. पहले दिन करीब 4.5 लाख यात्रियों ने यात्रा की. हालांकि, इनमें से कई लोगों ने एक से अधिक कॉरिडोर की यात्रा की. उदाहरण के लिए, यदि कोई यात्री हुडा सिटी सेंटर से मयूर विहार तक पहुंचने में तीन अलग-अलग कॉरिडोर का उपयोग करता है, तो उसे तीन बार गिना जाएगा.

कोरोना की दूसरी लहर से पहले दिल्ली मेट्रो में हर रोज करीब 28 लाख यात्राएं की हो रही थीं. फिलहाल मेट्रो का संचालन 50 फीसदी बैठने की क्षमता के साथ किया जा रहा है और किसी को भी खड़े होकर यात्रा करने की इजाजत नहीं है.

 

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