दिल्ली के बाजारों से जुड़े मेट्रो स्टेशनों के सभी गेट नहीं खुलने से व्यापारियों के साथ ग्राहकों को भी परेशानी झेलनी पड़ रही है. सुबह और शाम के वक्त तो मेट्रो स्टेशन में प्रवेश करने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है. साथ ही ट्रेन में एक सीट खाली छोड़कर बैठने के नियम से भी भीड़ बढ़ रही है, जबकि भारतीय रेल और डीटीसी की बसों में सभी सीटों पर बैठकर यात्रा करने की अनुमति मिल गई है.
इन्हीं तमाम समस्याओं को लेकर व्यापारियों के संगठन चैम्बर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) के नेतृत्व में व्यापारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली मेट्रो के जीएम ऑपरेशन रमन गोयल से मुलाकात की. मीटिंग के बाद सीटीआई चेयरमैन बृजेश गोयल ने कहा कि दिल्ली और देश में तमाम गतिविधियां सामान्य स्वरूप में लौट आई हैं. सिनेमाघर, बैंक्वेट हॉल, होटल और बाजारों को पूरी क्षमता के साथ काम करने की अनुमति मिल गई है. ऐसे में यात्रियों को भी मेट्रो की ओर से ढील मिलनी चाहिए.
सभी मेट्रो गेट खोलने की मांग
व्यापारियों की मांग है कि सभी मार्केट के पास स्थित मेट्रो स्टेशनों के सारे गेट खोल दिए जाएं. कश्मीरी गेट, चावड़ी बाजार, चांदनी चौक, राजीव चौक, करोल बाग, सरोजनी नगर, कमला नगर, खान मार्केट, राजौरी गार्डन, लक्ष्मी नगर, जनकपुरी, जनपथ, शाहदरा, नेहरू प्लेस आदि तमाम बाजारों से जुड़े सभी मेट्रो स्टेशन गेटों को खोला जाए जिससे कि ना केवल दुकानदारों बल्कि ग्राहकों को भी आसानी हो.
मीटिंग में शामिल कश्मीरी गेट मार्किट एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय नारंग ने कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशन का गेट नंबर 1 तुरंत खोलने की मांग की है क्योंकि यहां से रोजाना हजारों कारोबारियों और कस्टमर्स की आवाजाही होती है.
वहीं, CTI चैयरमैन बृजेश गोयल ने कहा कि बहुत सारे गेटों पर पीक आवर्स में लंबी लाइनें लग जाती हैं. मीटिंग में टोकन सिस्टम फिर से शुरू करने पर भी चर्चा हुई, जिसमें अधिकारी ने बताया कि जिन स्टेशनों पर स्मार्ट कार्ड की किल्लत होती है या तकनीकी दिक्कत आ रही है, तो वहां टोकन दिया जाता है. अब नकद पैसों से भी स्मार्ट कार्ड रीचार्ज शुरू कर दिया गया है. सभी सीटों पर यात्रियों को बैठने की परमिशन संबंधी एप्लीकेशन को अप्रूवल के लिए भेजा गया है.
आपको बता दें कि दिल्ली मेट्रो में एंट्री-एग्जिट गेटों की संख्या 682 है. अनलॉक में जब मेट्रो सेवा बहाल हुई, तब 269 गेट खोले गए थे और अबतक 400 से अधिक गेट खुल चुके हैं. फिर भी काफी संख्या में गेट बंद हैं, इन गेट्स को खुलवाने की मांग जोर पकड़ रही है.