राजधानी दिल्ली के एक स्थानीय अदालत ने हैवानियत की हद पार करने वाले एक रेप के आरोपी को 10 साल कैद की सजा सुनाई है. मामला 2012 में एक वायुसेना कर्मी की पत्नी से रेप और फिर उसके प्राइवेट पार्ट पर खतरनाक केमिकल डालने का है. 40 साल का अभियुक्त नारायण वायुसेना कर्मी का मित्र था और उसने उसके ही घर में दोस्त को दगा देने का घृणित अपराध किया था.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एमसी गुप्ता ने भल्सवा डेयरी निवासी और पेशे से किसान नारायण को रेप और हानिकारक केमिकल का इस्तेमाल करके महिला को जख्मी करने के जुर्म में यह सजा सुनाई है. अदालत ने मुजरिम पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी किया है. अदालत ने अपने फैसले में कहा कि पीड़िता ने अपना बयान बदलकर रेप होने की बात को छिपाने की कोशिश की, जबकि गवाही के अंश को पढ़ने और डीएनए रिपोर्ट से यह स्पष्ट है कि यह रेप का मामला है और नारायण ने ही रेप की घटना को अंजाम दिया.
...और उसने केमिकल डाल दिया
पीड़िता की ओर से कहा गया कि 10 सितंबर 2012 की दोपहर को नारायण मोटर साइकिल खरीदने के बहाने महिला के घर आया. उस वक्त महिला घर में अकेली थी. महिला का पति मुंबई में तैनात था. महिला जब नारायण के लिए पानी लाने गई तभी नारायण ने उसका हाथ पकड़ लिया और उसके साथ रेप किया. यही नहीं, इसके बाद आरोपी ने हैवानियत की हद को पार करते हुए महिला के प्राइवेट पार्ट में कोई केमिकल डाल दिया, जिसकी वजह से उसे दर्द और जलन का अनुभव हुआ.
आरोपी के फरार होने के बाद पीड़ित महिला नजदीक के अस्पताल भी गई थी. चार बच्चों की मां ने इस घटना की जानकारी डॉक्टरों और फिर पुलिस अधिकारियों को भी दी, जिसके बाद नारायण को गिरफ्तार कर लिया गया. महिला के दो बच्चे सेना में हैं.
बदल दिया था बयान
पुलिस को जानकारी देने के बाद महिला ने अदालत में अपना बयान यह कहते हुए बदल दिया कि नारायण उसके घर आया था, लेकिन कुछ समय में ही वह चला गया था. महिला ने अदालत को दिए बयान में कहा कि नारायण के जाने के बाद उसे चक्कर आने लगे और वह सोने चली गई. इसके बाद जब वह जगी तो उसे प्राइवेट पार्ट में जलन महसूस हुई, जिसके बाद वह अस्पताल गई. अदालत के पूछने पर महिला ने कहा कि उसे नहीं पता कि उसने पुलिस को खबर क्यों की.
दूसरी ओर, मुकदमे की सुनवाई के दौरान नारायण ने कहा कि वह निर्दोष है और उसे इस मामले में झूठा फंसाया गया है.