दिल्ली के पीडब्ल्यूडी घोटाले को चार आरोपी इंजीनियरों को तीस हजारी कोर्ट ने अग्रिम जमानत देने से मना किया है. इन सभी अधिकारियों पर तीन करोड़ रुपए के कथित घोटाले में एक ठेकेदार के साथ मिलकर साजिश रचने के आरोप लगे हैं.
स्पेशल जज संजय खनगवाल ने कहा कि उन पर लगे आरोप गंभीर हैं. लिहाजा चारों लोग अदालत से संरक्षण पाने के लायक नहीं हैं.
इससे पहले तीस हजारी कोर्ट इस मामले में ठेकेदार विनय बंसल की जमानत याचिका खारिज कर चुकी है. विनय सीएम अरविंद केजरीवल के साढू के बेटे हैं. विनय को फिलहाल कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा हुआ है.
दिल्ली पुलिस की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा यानी एसीबी ने विनय बंसल समेत पीडब्ल्यूडी के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर प्रवीण कुमार कथूरिया, असिस्टेंट इंजीनियर सुरेश पाल और जूनियर इंजीनियर बलजीत सिंह और आशुतोष सिंह गिरफ्तार किया था.
रोड्स एंटी करप्शन ऑर्गनाइजेशन के संस्थापक राहुल शर्मा की शिकायत के आधार पर इन सभी के खिलाफ पिछले साल मई में धोखाधड़ी, जालसाजी, फर्जी दस्तावेज को सही के तौर पर इस्तेमाल करने का आरोप है. इनपर 120 बी यानी आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की धारा 13 (1) (डी) के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी.