देश की राजधानी में बढ़ते प्रदूषण के बीच 15 अक्टूबर से ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) लागू हो रहा है. इसके तहत दिल्ली सरकार के दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी (DPCC) ने डीजल, पेट्रोल, केरोसिन से चलने वाले जनरेटर सेट पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश जारी कर दिए हैं.
हालांकि DPCC के निर्देश के मुताबिक, इमरजेंसी सेवाओं में लगे जनरेटर सेट को चलाने की छूट रहेगी. इनमें स्वास्थ्य सेवाएं, लिफ्ट/ ऐलिवेटर, रेल सेवाएं, दिल्ली मेट्रो, एयरपोर्ट और अंतरराज्यीय बस अड्डे शामिल हैं.
EPCA के चेयरमैन ने हॉटस्पॉट का दौरा किया और पाया कि सर्दियों से पहले वायु की गुणवत्ता में सुधार के लिए वायु प्रदूषण के श्रोतों पर लगाम लगाना जरूरी है और इसके लिए जमीनी स्तर पर निगरानी भी जरूरी है. धूल से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए Smog Gun जैसी तकनीकों को बढ़ावा दिया जाएगा. DPCC ने जिम्मेदार संस्थाओं को प्रदूषण को रोकने के लिए EPCA के प्लान को लागू कराने के निर्देश दिए हैं.
निर्देश में कहा गया है कि सुनिश्चित किया जाए कि वायु प्रदूषण वाले सभी हॉटस्पॉट्स पर EPCA के प्लान को ठीक से लागू किया जाए और नियमों का अनुपालन हो रहा है या नहीं इसके लिए निगरानी की जाए. साथ ही वायु प्रदूषण के खिलाफ zero tolerance अपनाते हुए रात के समय पैट्रोलिंग की जाए कि हॉटस्पॉट वाले इलाकों में कहीं भी किसी प्रकार का वायु प्रदूषण ना हो, जिसमें कूड़ा जलाना और धूल से होने वाला प्रदूषण मुख्य है.
DPCC द्वारा जारी निर्देश के मुताबिक, कूड़े के निस्तारण के लिए दीर्घकालिक (long term) उपाय किए जाएं, जिससे जगह-जगह कूड़ा जलाने की घटनाओं पर लगाम लगाई जा सके. वायु प्रदूषण में एक बड़ा हिस्सा कूड़ा जलने से है. वहीं, जहां संभव हो सड़कों और गलियों में मशीनों के जरिए दिन और रात में झाड़ू लगाने की व्यवस्था की जाए. सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जाए और धूल से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए संभव कदम उठाए जाएं.
क्या है GRAP?
GRAP (Graded Response Action Plan) एक एक्शन प्लान है, जो EPCA (Environment Pollution Control Authority) द्वारा बनाया है, जो सर्दियों के मौसम में दिल्ली में प्रदूषण को रोकने के लिए लागू किया जाता है.
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