दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (Delhi-NCR) फिर से जहरीली धुंध के साये में आ गया है. यहां वायु प्रदूषण गंभीर (Severe) से गंभीरतम या आपातकाल (Severe Plus or Emergency) की स्थिति में पहुंच गया है. मौसम विभाग के वैज्ञानिकों की माने तो ऐसा हुआ है पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने, तापमान में आई कमी और धीमी गति से चल रही हवा के कारण. दिल्ली-NCR की हवा, प्रदूषण के मामले में आपातकालीन स्थिति है. यानी हम सांसों के साथ लगातार अपने फेफड़ों में जहर घोल रहे हैं.
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वायु प्रदूषण की जांच करने वाली सरकारी संस्था सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) ने चेतावनी दी है कि आज यानी बुधवार को दिल्ली-NCR की हवा प्रदूषण के मामले में आपातकालीन स्थिति में है. भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव माधवन राजीवन ने ट्वीट पर कहा कि प्रदूषण को लेकर भविष्यवाणी (हरे रंग में) बताती है कि 14 नवंबर तक वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीरतम (Severe Plus) की स्थिति में पहुंच जाएगा. यानी हवाओं में प्रदूषण की इमरजेंसी लागू है.To further improve air quality f/c @moesgoi just now developed a unique modeling system at much higher resolution of 400 metre with chemical data assimilation Forecasts at https://t.co/7Kl5ODkwK4 Forecast (green) suggests air quality in severe+ category by 14 Nov @drharshvardhan pic.twitter.com/S93siYirJ6
— Madhavan Rajeevan (@rajeevan61) November 12, 2019
घटते तापमान और धीमी गति की हवा से बढ़ गई दिक्कत
भारतीय मौसम विभाग के वैज्ञानिक कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि मंगलवार सुबह दिल्ली का न्यूनतम तापमान 11.7 डिग्री सेल्सियस था. यानी इस सीजन में अब तक का सबसे कम तापमान. यह इस समय के हिसाब से सामान्य न्यूनतम तापमान से करीब 2 डिग्री नीचे है. इसके अलावा हवा की गति में आई कमी और कम तापमान ने हवाओं को ठंडा और घना बना दिया है. इसकी वजह से प्रदूषण के तत्व एक ही जगह पर जमा हो रहे हैं.
इस चार्ट में देखिए प्रदूषण का स्तर.
फेफड़ों में घुसने वाला जहरीला PM-2.5 की मात्रा भी आपातकालीन स्थिति में
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण ब्यूरो (CPCB) के अनुसार दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index - AQI) मंगलवार को शाम 4 बजे 425 और रात 9 बजे 437 था. जबकि, सोमवार को 4 बजे यह 360 था. पीएम-2.5 की मात्रा 337 माइक्रोग्राम्स प्रति क्यूबिक मीटर पहुंच गया है. पीएम-2.5 यानी प्रदूषण तत्वों के वो सबसे छोटे कण यानी वो पर्टिकुलेट मैटर जो 2.5 माइक्रोन व्यास से भी छोटे होते हैं, ये आसानी से आपके फेफड़े और खून में मिल सकते हैं.

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यह एक आपातकालीन स्थिति है. जबकि पीएम-2.5 को 300 है. जबकि सुरक्षित स्तर 0-60 माइक्रोग्राम्स प्रति क्यूबिक मीटर. वहीं, PM-10 को 100 माइक्रोग्राम्स प्रति क्यूबिक मीटर होना चाहिए जो अब पांच गुना ज्यादा बढ़कर 484 माइक्रोग्राम्स प्रति क्यूबिक मीटर हो गया है. दिल्ली के सभी 37 वायु गुणवत्ता जांच केंद्रों में हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में मापी गई है.
ये हालत आखिर हुई क्यों है?
दिल्ली सरकार ने गुरुनानक देव के 550वें प्रकाश पर्व के मौके पर दो दिनों के लिए ऑड-ईवन योजना को रोक दिया था. इसकी वजह से भी प्रदूषण बढ़ा है. साथ ही यह भी खबर मिली है कि EPCA के प्रतिबंध के बावजूद दिल्ली-NCR के कुछ इलाकों में आतिशबाजी की गई है.
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जानिए...दिल्ली-NCR के किस इलाके में कितना प्रदूषण?
इलाका AQI
वजीरपुर 465
बवाना 464
रोहिणी 454
मुंडका 458
आनंद विहार 458
फरीदाबाद 413
गुड़गांव 415
गाजियाबाद 461
ग्रेटर नोएडा 444
नोएडा 453
नोटः वायु गुणवत्ता सूचकांक के स्तर - 201 से 300 यानी खराब, 300 से 400 यानी बेहद खराब, 401-500 यानी गंभीर और 500 से ऊपर यानी गंभीरतम या आपातकालीन स्थिति.
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आगे 2 दिन और बढ़ेगा प्रदूषण
प्रदूषण की स्थिति दिल्ली-NCR में अगले 2 दिन और बिगड़ने की आशंका है. अगर इसी तरह का मौसम बना रहेगा तो हवाओं में से प्रदूषण के तत्व कम नहीं होंगे. अगले तीन दिनों तक हवा कि गति 8-10 किमी प्रति घंटा रह सकती, जबकि अभी 20 किमी प्रति घंटा थी. साथ ही ठंड कुछ बढ़ी है. सोमवार को न्यूनतम तापमान 13.5 डिग्री रहा, 3-4 दिन पहले तक 15-16 डिग्री था. इस स्थिति में सुधार होने की उम्मीद 15 नवंबर के बाद ही दिख रही है.