दिल्ली विधानसभा में बुधवार को ध्वनिमत से यह प्रस्ताव पारित किया गया कि सदन के सदस्य अपने बच्चों और रिश्तेदारों की शादी में न तो दहेज लेंगे और न ही दहेज देंगे. पर्यटन एवं जल मंत्री कपिल मिश्रा ने मौजूदा शीतकालीन सत्र में प्रस्ताव किया था कि विधायक शपथ लें कि वे ऐसी शादियों में शिरकत नहीं करेंगे, जिसमें दहेज का लेन-देन हुआ और अपने परिवारों में भी इस पर अमल करेंगे.
दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन ने इस विषय पर सदन में एक प्रस्ताव पेश किया जिसे पारित कर दिया गया. ‘आप’ की विधायक अलका लांबा और भावना गौड़ ने भी सदन में मिश्रा के प्रस्ताव का समर्थन किया था.
मैं खुद दहेज का शिकार रही हूं: अलका लांबा
लांबा ने कहा, 'मैं खुद भी देहज का शिकार रही हूं. मेरे ससुराल में मुझसे अच्छा बर्ताव नहीं किया गया, क्योंकि मैंने दहेज का बोझ अपने परिवार पर न डालने का फैसला किया था. आज मैं एक एकल मां के तौर पर समाज में गर्व से रह रही हूं और अपने बेटे की शादी में भी ऐसा कोई लेन-देन नहीं करूंगी.'
दूसरी ओर, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार प्रस्तावित न्यूनतम वेतन कानून को सख्ती से लागू कराएगी, जिसके उल्लंघन पर भारी जुर्माने और जेल की सजा का प्रावधान है. विधानसभा में न्यूनतम वेतन (दिल्ली) संशोधन विधेयक 2015 पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए केजरीवाल ने चेतावनी दी कि विधेयक के प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले संगठनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
न्यूनतम वेतन (दिल्ली) संशोधन विधेयक 2015 और श्रमजीवी पत्रकार एवं अन्य अखबारी कर्मचारी (सेवा शर्तें) एवं अन्य प्रावधान (दिल्ली संशोधन) विधेयक 2015 को गुरुवार को विधानसभा में पारित किया जा सकता है.
थाना स्तरीय समितियां बनाने की मांग
इस बीच, दिल्ली में बढ़ते अपराध पर चिंता जताते हुए ‘आप’ विधायकों ने थाना स्तरीय समितियां बनाने के मुद्दे को उठाया और विधानसभा में मांग की कि उप-राज्यपाल नजीब जंग इस बाबत जल्द अधिसूचना जारी करें. ‘आप’ विधायक सोमनाथ भारती ने दिल्ली में थाना स्तरीय समितियां न बनाने को लेकर विधानसभा में एक ध्यानाकषर्ण प्रस्ताव पेश किया.
लांबा और गौड़ ने भी इन समितियों के गठन में देरी पर चिंता जताई और कहा कि उप-राज्यपाल द्वारा इस बाबत अधिसूचना जारी न किए जाने के कारण यह लंबित है.
-इनपुट भाषा से