दिल्ली सचिवालय में गुरुवार को एक दिलचस्प तस्वीर तब देखने को मिली, जब मंत्री गोपाल राय ने विधायकों और सरकारी अधिकारियों को आमने-सामने बैठाकर स्मार्ट विलेज प्रोजेक्ट के लिए फंड पास करवाए. दरअसल, दिल्ली के 365 गांवों के लिए स्मार्ट विलेज प्रोजेक्ट योजना दिल्ली सरकार ने पिछले साल शुरू की थी.
इस मौके पर मंत्री गोपाल राय ने कहा कि स्मार्ट विलेज प्रोजेक्ट के लिए दिल्ली सरकार ने 600 करोड़ रुपये का बजट पिछले साल आवंटित किया था, मगर अधिकारियों ने जानबूझकर एक भी रुपये की फाइल पास नहीं की, जिसके चलते गांवों का विकास ढंग से नहीं हो पाया.
अधिकारियों के नकारापन के चलते 600 करोड़ रुपये का यह पूरा बजट लेप्स हो गया. कभी कर्मचारी न होने का बहाना, तो कभी फाइल पास न होने का बहाना बनाया गया. इसके अलावा कभी डीएम से न मिलने का भी बहाना बनाया गया.
गोपाल राय ने कहा कि ग्राम विकास बोर्ड ने लगातार मीटिंग की. ग्राम विकास बोर्ड ने तकरीबन 8 बैठकें की और बजट का प्रस्ताव पास किया, मगर इंजीनियर और DM के पास फाइल जाती रही और ये लटकते गए. इसके चलते एक भी रुपये का काम गांवों में नहीं हो सका है.
दिल्ली के मंत्री गोपाल राय ने कहा कि विधायक लगातार अपील कर रहे थे कि इसके लिए एक विशेष सत्र चलाया जाए, इसलिए गुरुवार और शुक्रवार 2 दिन दिल्ली सचिवालय में सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों और विधायकों की आमने-सामने बैठक कराई जा रही है.
इस अभियान का फायदा यह हुआ है कि गुरुवार के दिन ही DM के यहां से 160 फाइलें क्लियर हुई है और फ्लड डिपार्टमेंट के यहां से 107 फाइलें क्लियर हुई हैं. गोपाल राय ने कहा कि अभी हैंड टू हैंड 9 करोड रुपये का फंड आवंटित हो चुका है. उन्होंने कहा कि गांवों के विकास के लिए केजरीवाल सरकार प्रतिबद्ध है. इसलिए 18 महीने से लटके हुए कामों को रफ्तार दी जा रही है.