मेट्रो का बढ़ा हुआ किराया मुसाफिरों के लिए सिरदर्द बन गया है. कई संगठनों ने किराया बढ़ाए जाने के खिलाफ प्रदर्शन किया और फैसले को वापस लेने की मांग की है. हालांकि डीएमआरसी किराए के मामले में अपना कदम पीछे खींचने को तैयार नहीं है. मेट्रो प्रबंधन की दलील है कि नॉन पीक आवर के दौरान किराए में 10 फीसदी छूट दी जा रही है ऐसे में किराया कम करने की जरुरत नहीं है.
किराया बढ़ने के बाद मेट्रो से सफर करने वाले यात्रियों की संख्या तीन फीसदी तक घट गई है. हालत यह है कि दैनिक यात्री नॉन पीक आवर में मिलने वाली 10 फीसदी छूट का फायदा लेने के लिए ऑफिस में अपनी शिफ्ट बदलवा रहे हैं, ताकि उन्हें बढ़े हुए किराए से थोड़ी राहत मिल सके.
ऑफिस जाने के लिए बदरपुर से गुड़गांव का सफर तय करने वाली कीर्ति मेहता मेट्रो किराया बढ़ने से परेशान हैं. वह कहती हैं कि किराए में उम्मीद से ज्यादा इजाफा हुआ है. नॉन पीक आवर में मिलने वाली छूट का लाभ लेने के लिए उन्होंने शिफ्ट बदलवा ली है. बुद्ध विहार के मनप्रीत चड्ढा की चांदनी चौक में कपड़े की दुकान है, वह कहते हैं कि रोजाना आना-जाना है, ऐसे में किराए में ही जेब ढीली हो जाती है. उनकी मांग है कि डीएमआरसी इस बढ़े हुए किराए को तुरंत वापस ले, जिससे यात्रियों को राहत मिल सके.
हालांकि, दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने साफ कर दिया है कि वह बढ़ा हुआ किराया वापस नहीं लेने जा रहा. डीएमआरसी प्रवक्ता अनुज दयाल ने कहा है कि बढ़ा हुआ किराया वापस नहीं होगा. काफी सोच-विचार के बाद किराए में जो वृद्धि की गई है, वह बिल्कुल जायज है.
डीएमआरसी ने 10 मई से मेट्रो किराए में बढ़ोतरी की है, जिसका तत्काल काफी विरोध हुआ. कई लोगों ने जेब पर पड़े इस अतिरिक्त बोझ को देखते हुए बसों से सफर करना शुरू कर दिया था. डीएमआरसी के मुताबिक, किराया बढ़ने के बाद से मेट्रो से यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या में तीन फीसदी तक की गिरावट देखी जा रही है.
वहीं, कुछ लोग ऐसे भी हैं जो कह रहे हैं कि 10 फीसदी छूट से उन्हें कुछ खास राहत नहीं मिलती. पुरानी दिल्ली में अकाउंटेंट का काम करने वाली पूनम अग्रवाल कहती हैं कि दस फीसदी छूट नाममात्र है, इससे राहत कैसे मिल सकती है. वहीं, डीएमआरसी ने पुष्टि की है कि अक्टूबर में फिर किराया बढ़ाने की उसकी योजना है.
मेट्रो का किराया बढ़ने के बाद लोगों ने डीटीसी बसों की ओर रुख किया है. डीटीसी के प्रवक्ता आर एस मिन्हास ने कहा कि मेट्रो का किराया बढ़ने के बाद डीटीसी बसों से सफर करने वाले यात्रियों की संख्या में इजाफा हुआ है, हालांकि उन्होंने इसके लिए कोई आंकड़ा नहीं दिया.
मेट्रो यात्रियों की नजर अब अक्टूबर में एक बार फिर मेट्रो के किराए में बढ़ोतरी पर है. तब तक जीएसटी भी बाजार में लागू हो जाएगा. त्योहारों के मौसम में किराया बढ़ाए जाने पर एक बार फिर डीएमआरसी को जनता का गुस्सा झेलना पड़ सकता है. मौजूदा वक्त में मेट्रो किराए की मार झेल रहे लोगों ने कार पूल, बाइक और बसों का सहारा लेना शुरू कर दिया है.