राजधानी की लाइफ लाइन कही जाने वाली दिल्ली मेट्रो 16 साल की हो गई है. 16 साल में दिल्ली मेट्रो ने इस शहर में लंबा सफर तय किया है. दिल्ली के कोने-कोने अब मेट्रो से लिंक हो गए हैं. दूरियां कम हो गई है. 16 साल पहले दिल्ली का ट्रैफिक यादकर अंदाजा लगाइए कि मेट्रो ने कैसे भीड़भाड़ भरे इलाकों में अपनी पहुंच बनाई होगी.
24 दिसंबर 2002 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और उस वक्त दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने मास ट्रांजिट की इस सेवा को दिल्ली में लॉन्च किया था. लॉन्चिंग के बाद के पहले कुछ सप्ताह तो मेट्रो दिल्ली वालों के लिए आकर्षण का केंन्द्र बनी रही. तब लोग अपना शौक पूरा करने के लिए मेट्रो में सफर करते.
ब्लू लाइन की डीजल बसों का धुआं खाकर खांस रही दिल्ली की जनता जब चमचमाती मेट्रो की वातानूकुलित कोच में घुसी तो उसके लिए दिल्ली का सफर सुहाना बन गया था. गर्मियों में तो मेट्रो की तलब और भी बढ़ गई. देखते ही देखते दिल्ली मेट्रो हर दिल्लीवासी की रुटीन में शामिल हो गई.
16 साल बाद दिल्ली मेट्रो अपनी कामयाबी, अपने सफर और यात्रा को लेकर एक बार फिर से जनता के पास पहुंची है. दिल्ली मेट्रो ने आम जनता के लिए राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर एक प्रदर्शनी लगाई है. यहां लोग मेट्रो के 16 सालों की रफ्तार भरी जिंदगी को देख सकते हैं.
8 से शुरू 371 KM तक पहुंचा
दिल्ली मेट्रो की शुरुआत 8 किलोमीटर लंबे स्ट्रेच के साथ हुई थी. पहली बार दिल्ली में मेट्रो शहादरा और तीस हजारी सेक्शन पर दौड़ी थी. दिल्ली मेट्रो के चीफ मंगू सिंह ने बताया कि मौजूदा समय में दिल्ली मेट्रो का नेटवर्क 317 किलोमीटर है और इसमें 261 मेट्रो स्टेशन हैं. उन्होंने कहा कि 61 किलोमीटर मेट्रो नेटवर्क पूरी तरह से तैयार है जिसे अगले कुछ महीनो में शुरू कर दिया जाएगा. जिसके बाद दिल्ली मेट्रो का नेटवर्क 380 किलोमीटर हो जाएगा.
टॉप फाइव का तमगा
बता दें कि नोएडा से ग्रेटर नोएडा की मेट्रो सेवा जल्द शुरू होने वाली है. इसे सीएमआरएस की हरी झंडी भी मिल गई है. वहीं लाजपत नगर मयूर विहार संजय झील सेक्शन को भी जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा. इसके साथ ही दिल्ली मेट्रो का कुल नेटवर्क 380 किलोमीटर हो जाएगा. इसके बाद दिल्ली मेट्रो दुनिया की टॉप फाइव मेट्रो में शामिल हो जाएगी.
दिल्ली मेट्रो के दिलचस्प आंकड़े
दिल्ली मेट्रो में औसतन 28 लाख मुसाफिर रोज सफर करते हैं. दिल्ली मेट्रो औसतन 1 लाख किलोमीटर दूरी रोज तय करती है. दिल्ली मेट्रो से सफर के लिए रोजाना 7 लाख टोकन और 18 लाख मेट्रो कार्ड इस्तेमाल किया जाता है. आप यह जानकर चौक सकते हैं कि मेट्रो कोच के दरवाजे रोजाना 25 लाख बार खुलते हैं.
डीएमआरसी के मुताबिक दिल्ली मेट्रो के लिए सबसे संतोष और गर्व करने की बात यह है कि इन 16 सालों में कभी भी इस पर कोई बड़ा सुरक्षा संबंधी आंच नहीं आई.