दिल्ली से मेरठ का सफर आज से आसान होने जा रहा है. दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे को जनता के लिए आज से खोल दिया जाएगा. अभी तक सहारनपुर देहरादून उत्तराखंड जाने के लिए मोदी नगर, मुरादनगर जैसे जाम भरे रास्तों से होकर गुजरना पड़ता था. वैसे तो इस एक्सप्रेसवे को 31 मार्च को खोला जाना था, लेकिन कुछ तकनीकी अड़चनों के कारण एक्सप्रेसवे खोलने की तिथि को एक दिन आगे बढ़ा दिया गया.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को दिल्ली से जोड़ने की कवायद वर्ष 2008 से शुरू हुई थी. 2014 में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का काम तेजी से शुरू कर दिया गया. वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस प्रोजेक्ट की नींव रखी. कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन के कारण इस प्रोजेक्ट को पूरा होने में एक वर्ष की देरी लगी, लेकिन अब ये जनता के लिए तैयार है.
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर वाहनों की रफ्तार और चलती हुई गाड़ी की नंबर प्लेट पर नजर रखने के लिए कुल 150 सीसीटीवी कैमरा लगाए गए हैं. इनकी मदद से हर पल वाहनों पर नजर रखी जाएगी. गाड़ी की स्पीड से लेकर गाड़ी के अंदर बैठे यात्री तक पर एनएचएआई कैमरों की मदद से नजर रखेगी.
वहीं ये एक्सप्रेसवे देश का पहला एडवांस एक्सप्रेसवे होगा, जहां चलती गाड़ी से टोल टैक्स कट जाएगा. हर आठ से 10 किमी की दूरी पर एक्सप्रेसवे की प्रत्येक लेन के ऊपर डिस्प्ले लगाई गई, जिस पर चलते हुए वाहन की गति (योर स्पीड) को देख सकेंगे. इस एक्सप्रेसवे पर कार की स्पीड 100 किलोमीटर प्रति घंटा और कॉमर्शियल वाहनों की स्पीड 80 किलोमीटर प्रति घंटा रखी गई है.