दिल्ली की मेयर डॉ. शैली ओबेरॉय ने निगम में स्थायी समिति की पावर के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है. सूत्रों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई गई है कि पैनल का गठन होने तक स्थायी समिति के कार्यों के संचालन के लिए सदन को पावर देने का निर्देश दिया जाए.
दिल्ली नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व महापौर राजा इकबाल सिंह ने कहा कि स्थायी समिति के चुनाव से बचने के लिए आम आदमी पार्टी की सरकार और दिल्ली की मेयर शैली ओबेरॉय सुप्रीम कोर्ट गई हैं.
उन्होंने कहा कि दिल्ली की मेयर शायद इस बात से अनभिज्ञ हैं कि निगम की शक्तियों को बांटने का अधिकार देश की संसद के पास है और स्थायी समिति के चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट ने भी कोई रोक नहीं लगाई है, लेकिन आम आदमी पार्टी सरकार सारे मामले को लटकाने के लिए सुप्रीम कोर्ट गई है.
राजा इकबाल सिंह ने कहा कि निगम की AAP सरकार को इस बात का डर है कि उनके पार्षद आम आदमी पार्टी के तानाशाही रवैए से नाखुश हैं, जिसके चलते वो स्थायी समिति के चुनाव में भाजपा उम्मीदवारों को वोट कर सकते हैं. इसी के चलते आम आदमी पार्टी सरकार स्थायी समिति के चुनाव से बचती घूम रही है और इसे टालने के लिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय गई है.
बता दें कि स्थायी समिति के निर्माण से संबंधित सुप्रीम कोर्ट ने फैसला 17 मई 2023 को रिजर्व कर लिया था. तभी से सदन में 5 करोड़ से ऊपर का कोई फाइनेंशियल फैसला नहीं लिया जा रहा है. नॉमिनेटेड पार्षदों की नियुक्ति और शपथ को लेकर भी आप ने कोर्ट का रूख किया था.