जीटीबी अस्पताल में सिर्फ दिल्लीवासियों को इलाज देने के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर सोमवार तक अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.
याचिका लगाने वाले वकील अशोक अग्रवाल का कहना है कि जीटीबी अस्पताल को लेकर सर्कुलर के आने के बाद दिल्ली एनसीआर में शामिल नोएडा, गुड़गांव और गाजियाबाद जैसी जगहों से आने वाले लोकल मरीजों को जीटीबी अस्पताल में इलाज नहीं मिल पा रहा है.
फिलहाल जीटीबी अस्पताल के सर्कुलर के मुताबिक दिल्ली का वोटर आईडी कार्ड दिखाने वाले लोगों को ही मेडिकल सुविधाएं मिल सकती हैं. इसका मतलब यह है कि जो भी व्यक्ति दिल्ली का निवासी नहीं है उसको दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में इलाज नहीं मिलेगा. इस सर्कुलर का लगातार विरोध किया जा रहा है और आज लगाई गई जनहित याचिका में भी दिल्ली हाईकोर्ट से गुजारिश की गई के सर्कुलर पर स्टे लगा दिया जाए.
इस बीच दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि इस मामले में वह भी अपना पक्ष रखना चाहते हैं कि उन्होंने इस तरह का सर्कुलर जीटीबी अस्पताल में क्यों जारी किया है. दिल्ली सरकार की तरफ से कहा गया कि इमरजेंसी सर्विसेज में फिलहाल अभी कोई भी दाखिला ले सकता है. यह सर्कुलर सिर्फ जीटीबी अस्पताल में दिल्ली के मरीजों को कोटा देने के लिए जारी किया गया है. जिससे इलाज में उन मरीजों को प्रमुखता मिले जो दिल्ली के रहने वाले हैं.
फिलहाल इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर दिया है. हालांकि, सोमवार तक इस मामले में कोर्ट में सरकार का जवाब क्या होगा, यह बहुत महत्वपूर्ण होगा. क्योंकि अगर सरकार कोर्ट को ये समझाने में कामयाब रही कि ये सर्कुलर दिल्ली की भलाई के लिए है तो मुमकिन है कि दिल्ली सरकार बाकी के सरकारी अस्पतालों में भी इसी तरह के सर्कुलर जारी कर दे. अगर कोर्ट को ये सर्कुलर गैर जरूरी लगा तो मुमकिन है कि कोर्ट दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग के इस सर्कुलर पर ही रोक लगा दे.