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अवैध फैक्ट्रियों पर दिल्ली हाई कोर्ट ने एजेंसियों से मांगी स्टेटस रिपोर्ट

कोर्ट ने कहा कि पूरी दिल्ली में प्रदूषण है, कोई एजेंसी क्यों नहीं इस पर गंभीरता से काम कर रही है जबकि इस मुद्दे पर काम करने की सख्त जरूरत है.

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प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो

दिल्ली हाइकोर्ट ने राजधानी में अवैध रूप से चल रहीं फैक्ट्रियों के खिलाफ साल 2014 में दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए एमसीडी, दिल्ली राज्य औद्योगिक और ढांचा विकास निगम (डीएसआईआईडीसी) को जमकर फटकार लगाई है. कोर्ट ने कहा कि पूरी दिल्ली में प्रदूषण है, कोई एजेंसी क्यों नहीं इस पर गंभीरता से काम कर रही है जबकि इस मुद्दे पर काम करने की सख्त जरूरत है.

सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को याचिकाकर्ता ने बताया कि राजधानी में कुल 1706 प्लॉट औद्योगिक एरिया में खाली पड़े हैं जिन पर निर्माणकार्य नहीं किया गया और इन्हें करीब 18 साल पहले ही आवंटित किया जा चुका है. इस पर नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने DSIIDC से पूछा कि आपने ऐसे लोगों पर क्या कार्रवाई की जिन्होंने अभी तक अपने प्लॉट में एक ईंट तक नहीं लगाई है.

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डीएसआईआईडीसी ने हाइकोर्ट को सुनवाई के दौरान बताया कि हाल ही में नरेला-बवाना के तकरीबन 430 ऐसे लोगों का आवंटन खारिज करने के लिए उपराज्यपाल के पास सिफारिश भेजी गई है. नार्थ दिल्ली एमसीडी ने बताया की औद्योगिक एरिया में अवैध निर्माण करने पर 316 और साउथ दिल्ली एमसीडी एरिया में 62 लोगों पर कार्रवाई की गई है.

कोर्ट ने तीनों एमसीडी और DSIIDC को स्टेटस रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया है. दिल्ली हाइकोर्ट मामले की अगली सुनवाई 9 जुलाई को करेगा.

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