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दिल्ली गैंगरेप के दोषियों की फांसी पर हाईकोर्ट में सुनवाई

दिल्ली गैंगरेप के दोषियों को फांसी दिए जाने के मामले में सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है. 13 सितंबर 2013 को दिल्ली के साकेत फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 16 दिसंबर की खौफनाक वारदात को अंजाम देने वाले चार गुनहगारों को फांसी की सजा सुनाई थी. साकेत कोर्ट के फांसी के फैसले पर मंजूरी के लिए आज दिल्ली हाईकोर्ट सुनवाई करेगा.

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फांसी पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई
फांसी पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई

दिल्ली गैंगरेप के दोषियों को फांसी दिए जाने के मामले में सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है. 13 सितंबर 2013 को दिल्ली के साकेत फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 16 दिसंबर की खौफनाक वारदात को अंजाम देने वाले चार गुनहगारों को फांसी की सजा सुनाई थी. साकेत कोर्ट के फांसी के फैसले पर मंजूरी के लिए आज दिल्ली हाईकोर्ट सुनवाई करेगा.

दरअसल, ये नियम है कि मौत की सजा पर ट्रायल कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट की मंजूरी जरूरी है. दूसरी तरफ बचाव पक्ष ने पहले ही ये कह रखा था कि वो उस फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील करेगा.

देखें: 16 दिसंबर का पूरा सच, एकमात्र चश्मदीद अवनींद्र पांडेय के साथ

इस मामले में दो गवाहियां बेहद अहम रहीं. एक खुद ज्योति की और दूसरी उसके दोस्त और घटना के एकमात्र चश्मदीद अवनींद्र पांडेय की. मौत से पहले अस्पताल में जब ज्योति से पूछा गया था कि दोषियों के लिए वह क्या सजा चाहती है, तो उसने फांसी की मांग की थी. फिर अगले ही क्षण उसने कहा था कि दोषियों को जिंदा जला देना चाहिए. इसके अलावा अदालत में वह बस जिसमें वारदात को अंजाम दिया गया था, दोषियों की बस का सीसीटीवी फुटेज, दोषियों के खून से सने कपड़े, डीएनए सैंपल, फॉरेंसिक और मेडिकल रिपोर्ट भी सबूत के तौर पर पेश किए गए थे.

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इस मामले में चारों दोषियों को कोर्ट से फांसी की सजा मिलने के बाद दिल्‍ली पुलिस ने भी राहत की सांस ली और अपनी तारीफ करते हुए कहा था कि इस मामले में जुटाए गए सबूतों को कोर्ट के सामने बेहतर तरीके से रखा गया.

पढ़ें: दिल्ली गैंगरेप का पूरा घटनाक्रम

गौरतलब है कि 16 दिसंबर, 2012 की रात वसंत विहार के पास चलती बस में ज्योति के साथ गैंगरेप और दरिंदगी की गई थी, जिसके बाद आक्रोशित भीड़ ने दिल्ली और देश भर के इलाकों में कई दिनों तक जोरदार प्रदर्शन किए थे. 23 वर्षीय फीजियोथैरेपी की छात्रा ने 13 दिन तक अस्पताल में मौत से संघर्ष करते हुए सिंगापुर के अस्पताल में दम तोड़ दिया था.

 

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