कोरोना की दूसरी लहर शहर-शहर कहर बरपा रही है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के अस्पतालों में आईसीयू बेड्स लगभग फुल हो चुके हैं तो वहीं ऑक्सीजन की किल्लत की खबरें भी आ रही हैं. दिल्ली में बेकाबू हालात को देखते हुए दिल्ली सरकार ने छह दिन के लिए लॉकडाउन का ऐलान कर दिया है. इस दौरान सख्त पाबंदियां लागू रहेंगी, वहीं कई सेवाओं को छूट भी दी गई है.
दिल्ली में लागू लॉकडाउन के दौरान रेल, हवाई और सड़क मार्ग से यातायात पर कोई रोक नहीं होगी. ट्रेन और हवाई जहाज से सफर करने वाले यात्रियों को आवाजाही की इजाजत होगी. सड़क मार्ग से आवागमन पर भी कोई प्रतिबंध नहीं होगा. आवश्यक सेवाएं जैसे खाने-पीने और मेडिकल से जुड़ी सेवाएं जारी रहेंगी. ऐसे में सवाल उठने लगा है कि संक्रमण को रोकने में यह कर्फ्यू कितना असरदार होगा, क्योंकि कर्फ्यू लागू होने के बावजूद मूवमेंट पर कोई रोक नहीं होगी.
पिछली दफे जब देश में लॉकडाउन लगा था, तब ट्रेनों का परिचालन ठप हो गया था. विमानों के उड़ान भरने पर भी रोक लग गई थी. बसों के पहिए भी थम गए थे लेकिन इसबार ऐसा नहीं है. ट्रेन, हवाई जहाज और बसें, सबका परिचालन जारी रहेगा. परिवहन के इन साधनों का परिचालन होगा, लोगों की मूवमेंट होगी ही. रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट्स और बस स्टैंड्स तक लोग बेरोकटोक आएंगे और जाएंगे.
दिल्ली में शादी समारोह के आयोजन की भी इजाजत होगी. हालांकि, इसमें कम लोगों को ही शामिल होने की इजाजत होगी लेकिन ऐसे में कई सवाल उठने लगे हैं कि दिल्ली में लॉकडाउन कितना असरकारक होगा?
खैर यह तो समय ही बताएगा लेकिन इसकी सफलता को लेकर लोगों के मन में शंका है. गौरतलब है कि कोरोना के कारण दिल्ली में हालात बेकाबू हो गए हैं. अस्पतालों में आईसीयू बेड्स, ऑक्सीजन की किल्लत हो गई है. एक दिन पहले ही व्यावसायी संगठन कैट ने उपराज्यपाल अनिल बैजल, सीएम अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर दिल्ली में 15 दिन का लॉकडाउन लागू करने की मांग की थी.
बता दें कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लॉकडाउन का ऐलान करते हुए कहा कि आज रात 10 बजे से 26 अप्रैल की सुबह तक लॉकडाउन लागू रहेगा. इस दौरान बैंक, जरूरी सेवाओं से जुड़े लोगों को ही यात्रा की अनुमति दी जाएगी. पुलिस बगैर वजह के सड़क पर निकलने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी करेगी.