शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने प्राइवेट अनएडिड माइनॉरिटी स्कूलों के लिए दिल्ली सरकार के 7 जनवरी के नोटिफिकेशन को गैरज़रुरी बताते हुए रोक लगा दी है. यह आदेश डीडीए की जमीन पर बने अनएडिड माइनॉरिटी प्राइवेट स्कूलों को लेकर जारी किया गया है. इन स्कूलों पर नर्सरी एडमिशन को लेकर दिल्ली सरकार का नोटिफिकेशन लागू नहीं होगा.
हाईकोर्ट ने कहा कि माइनॉरिटी स्कूल के लिए नेबरहुड क्राइटेरिया जरुरी नहीं है, इसलिए सरकार माइनॉरिटी स्कूलों से उनकी स्वायत्ता नहीं छिन सकती है. माइनॉरिटी अनएडिड प्राइवेट स्कूलों ने हाईकोर्ट ने तर्क दिया था कि सरकार का नोटिफिकेशन संविधान के आर्टिकल 15 के क्लॉज़ 5 का उल्लंघन है.
दिल्ली सरकार ने कोर्ट में तर्क दिया था कि माइनॉरिटी के लिए रिज़र्व सीटों के बाद बाकी की सीटों पर माइनॉरिटी स्कूल नेबरहुड क्राइटेरिया से नर्सरी में बच्चों को एडमिशन दें.
सरकार ने अपने बचाव मे कहा कि हम सिर्फ़ पारदर्शिता चाहते है लेकिन किसी को दबाना हमारा मकसद नहीं है, दिल्ली सरकार कोर्ट में ये साबित नहीं कर पाई कि माइनॉरिटी का दर्जा जिन स्कूलों को मिला है उनके लिए नेबरहुड क्राइटेरिया को मानना किस नियम के तहत अनिवार्य है.
कोर्ट के इस आदेश के बाद माउंट कार्मल, रेयान इंटरनेशनल, समरविला जैसे दिल्ली के बड़े स्कूलों को राहत मिली है और इस साल उन्हें दिल्ली सरकार के नोटिफ़िकेशन के आधार पर नर्सरी एडमिशन करने की बाध्यता नहीं रहेगी.
डीडीए लैंड पर बने बाकी प्राइवेट स्कूलों को लेकर हाई कोर्ट में सुनवाई जारी रहेगी हालांकि अभी उस पर आदेश आना बाकी है. डीडीए लैंड पर बने करीब 298 प्राइवेट स्कूलों ने दिल्ली सरकार के नर्सरी एडमिशन को लेकर जारी किये गए नोटिफिकेशन के खिलाफ़ याचिका लगायी है. इन्हीं 298 प्राइवेट स्कूलों मे माइनॉरिटी स्कूल भी शामिल है.