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दिल्ली गैंगरेप आरोपियों का नहीं होगी पॉलीग्राफी टेस्ट

दिल्ली में 16 दिसंबर को हुई सामूहिक बलात्कार की घटना के दो आरोपियों की ओर से की गई पॉलीग्राफी जांच की मांग को कोर्ट ने ठुकरा दिया है.

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दिल्ली में बीते साल 16 दिसंबर को हुई सामूहिक बलात्कार की घिनौनी वारदात के दो आरोपियों की ओर से की गई पॉलीग्राफी जांच की मांग को कोर्ट ने ठुकरा दिया है. उधर, इस घिनौनी वारदात के एक और आरोपी ने स्पेशल कोर्ट को बताया कि पिछले कई दिनों से उसकी तबीयत खराब है.

पवन गुप्ता ने एडिशनल सेशन जज योगेश खन्ना के सामने आवेदन दायर कर कहा कि उसे कई दिनों से बुखार से पीड़ित होने का अहसास हो रहा है और उसकी नाक से खून भी निकल रहा है. वह पूरी सुनवाई के दौरान सिर नीचे करके बैठा हुआ था.

जज ने कहा, ‘मैंने 25 मई की तारीख वाली जेल प्रशासन से मिली रिपोर्ट पर गौर किया है जिसमें इस तथ्य पुष्टि की गई है. वह कोर्ट के सामने उपस्थित होने पर भी इस समस्या से पीड़ित है.’ उन्होंने कहा, ‘यह बेहतर होगा कि उसका उचित उपचार किया जाए. अगर जेल चिकित्सक जरूरी समझें तो उसे लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल भी भेजा जा सकता जहां उसके सेहत की जांच और उपचार हो सकेगा.’

इस मामले के एक अन्य आरोपी विनय शर्मा का पहले से ही एक सरकारी अस्पताल में उपचार चल रहा है.

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गुप्ता ने अपने वकील के जरिए दायर आवेदन में कहा है कि उसे सरकारी अस्पताल में उपचार की तत्काल जरूरत है. विशेष अदालत ने 16 दिसंबर की घटना के दो आरोपियों की ओर से की गई पॉलीग्राफी जांच की मांग को यह कहते हुए ठुकरा दिया है कि अब सुनवाई पूरी होने को है और इस तरह का परीक्षण किसी मामले की चल रही जांच के दौरान ही उपयोगी हो सकता है. विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर की याचिका को खारिज करते हुए जज खन्ना ने उनके उस आवेदन को भी ठुकरा दिया जिसमें पीड़ित लड़की के दोस्त का पॉलीग्राफी जांच कराने की मांग की गई थी.

जज ने कहा, ‘इस बात को सामने रखना जरूरी है कि सुनवाई अब आखिरी दौर में है क्योंकि 77 गवाहों की गवाही हो गई है और अभियोजन पक्ष की ओर से अब महज कुछ गवाह ही बचे हैं.’ दिल्ली में बीते साल 16 दिसंबर को छह लोगों ने चलती बस में 23 साल की लड़की के साथ बलात्कार करने के साथ ही हैवानियत का व्यवहार किया था. करीब एक पखवाड़े तक जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करने के बाद इस लड़की ने सिंगापुर के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली थी.

विनय और अक्षय के वकील ने कोर्ट के सामने कहा कि पीड़िता के दोस्त की लाई डिटेक्टर जांच कराने की जरूरत है क्योंकि वह वास्तविक तथ्यों को छिपा रहा है और इन लोगों को फंसा रहा है. विशेष सरकारी अभियोजक दयन कृष्णा ने आवेदन का विरोध करते हुए कहा कि पॉलीग्राफ टेस्ट किसी मामले का जांच संबंधी उपकरण हो सकता है और यह अदालत अब सुनवाई कर रही है जहां अब तक 77 गवाह उपस्थित हो चुके हैं.

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इस मामले के मुख्य आरोपी राम सिंह की बीते 11 मार्च को मौत हो गई थी. चार आरोपियों मुकेश, विनय, अक्षय और पवन के खिलाफ बलात्कार एवं हत्या का मामला चल रहा है. मामले का छठा आरोपी नाबालिग है और किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष सुनवाई का सामना कर रहा है.

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