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दिल्ली गैंगरेप: बस मालिक ने वाहन के लिए लगाई गुहार

दिल्ली में बीते वर्ष दिसंबर महीने में जिस बस में दुष्कर्म की घटना घटी थी उसके मालिक ने गुजारे के लिए उसी वाहन पर निर्भर रहने की दलील देते हुए फिर से चलाने देने की गुहार लगाई है. काले शीशे वाली इसी बस में 16 दिसंबर को 23 वर्षीया प्रशिक्षु फीजियोथेरापिस्ट के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना हुई थी.

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दिल्ली गैंगरेप के दोषी
दिल्ली गैंगरेप के दोषी

दिल्ली में बीते वर्ष दिसंबर महीने में जिस बस में दुष्कर्म की घटना घटी थी उसके मालिक ने गुजारे के लिए उसी वाहन पर निर्भर रहने की दलील देते हुए फिर से चलाने देने की गुहार लगाई है. काले शीशे वाली इसी बस में 16 दिसंबर को 23 वर्षीया प्रशिक्षु फीजियोथेरापिस्ट के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना हुई थी.

दुष्कर्म के आरोपियों में से चार को फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद बस मालिक के परिवार के लोगों ने बस वापस देने की गुहार लगाई है. घटना के बाद से बस मालिक पंजीकरण प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए जाली दस्तावेज सौंपने के आरोप में जेल में बंद है.

बस पर मोटे अक्षरों में यादव ट्रेवल्स पेंट किया गया है. यह अभी दक्षिण दिल्ली के साकेत थाने के बाहर खड़ी है. बस के अधिकांश शीशे टूट चुके हैं और टायरों की हवा निकल चुकी है. बस के भीतर धूल आदि भरी हुई है. पीले रंग के पर्दे और लाल रंग की सीट अब काली और बदरंग हो चुकी है.

जालसाजी के आरोप में जेल में बंद बस मालिक दिनेश यादव के एक रिश्तेदार ने अपना नाम जाहिर नहीं होने देने की शर्त पर, 'हम बस को फिर से पाना चाहते हैं. इसी बस में सामूहिक दुष्कर्म होना दुर्भाग्य है. लेकिन दिनेश की पत्नी और उसकी दो बेटियों का गुजारा इसी बस पर निर्भर है.' रिश्तेदार ने कहा, 'चूंकि मामले की सुनवाई पूरी हो चुकी है इसलिए अब हम बस वापस पाने के लिए अदालत में अर्जी देंगे.' रिश्तेदार ने कहा कि वे शीघ्र ही साकेत जिला अदालत में अर्जी देंगे.

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डीएल1पीसी0149 नंबर की यह बस दुष्कर्म की घटना के कुछ ही घंटों बाद आर. के. पुरम के रविदास कैंप के बाहर खड़ी मिली थी. छह में से चार आरोपी इसी कैंप में रहते थे. पुलिस को इस बस का पता महरौली के एक होटल में सड़क की तरफ लगे सीसीटीवी फुटेज से चला था. बस उस सड़क से दो बार गुजरी थी, इसी से पुलिस को संदेह हुआ और उसे आरोपियों को दबोचने में मदद मिली.

यादव की पत्नी ने कहा कि उनकी और बेटियों का जीवनयापन कठिन होता जा रहा है, क्योंकि उनकी 11 बसें जाली पंजीयन के कारण सड़कों पर नहीं चल रही हैं.

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