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कोरोना की तीसरी लहर से लड़ाई के लिए 5 हजार हेल्थ असिस्टेंट तैयार करेगी दिल्ली सरकार

दिल्ली सरकार ने मेडिकल स्टाफ की कमी को ध्यान में रखते हुए 5 हजार हेल्थ असिस्टेंट तैयार करने का प्लान बनाया है, जिन्हें बेसिक ट्रेनिंग दी जाएगी. इसका ऐलान खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके किया.

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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सीएम अरविंद केजरीवाल ने किया ऐलान
  • हेल्थ असिस्टेंट को दी जाएगी बेसिक ट्रेनिंग

कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर दिल्ली सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है. सरकार ने मेडिकल स्टाफ की कमी को ध्यान में रखते हुए 5 हजार हेल्थ असिस्टेंट तैयार करने का प्लान बनाया है, जिन्हें बेसिक ट्रेनिंग दी जाएगी. इसका ऐलान खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके किया.

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में ऑक्सीजन सिलेंडर, स्टॉरेज की तैयारी अस्पताल में कर रहे हैं, मेडिकल स्टाफ की कमी को ध्यान में रखते हुए 5000 हेल्थ असिस्टेंट तैयार करने का प्लान बनाया है, 5000 युवाओं को 2 हफ्ते की ट्रेनिंग फि जाएगी, दिल्ली के 9 मेजर मेडिकल इंस्टीट्यूट में बेसिक ट्रेनिंग दी जाएगी.

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ये युवा डॉक्टर और नर्स के निर्देश पर काम करेंगे, होम केयर या फर्स्ट एड में इनकी मदद ली जाएगी, टीका लगाने, BP जांचने, डायपर चेंज करना, सैम्पल लेने का काम 5000 ट्रेनी कर सकेंगे, जितने दिन काम करेंगे इतनी सैलरी मिलेगी, 17 जून से एप्लिकेशन लेनी शुरू की जाएगी.

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हेल्थ असिस्टेंट के लिए 12वीं क्लास में पास होना जरूरी होगा, 18 साल से अधिक उम्र हो, इससे तीसरी लहर में मैन पॉवर तैयार करने में आसानी होगी. पिछले दिनों ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि अब देशभर में कोरोना की तीसरी लहर का खतरा है. तीसरी लहर से निपटने को लेकर तैयारी करनी होगी.

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देशभर में तीसरी लहर को लेकर चेताते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अब तीसरी लहर का डर है. इंग्लैंड में कोरोना मामले बढ़ रहे हैं जबकि 45% लोग वहां वैक्सीन लगवा चुके हैं. इसलिए हाथ पे हाथ रखकर नहीं बैठना है. हम तीसरी लहर के लिए तैयारी कर रहे हैं. दिल्ली में इस लहर में ऑक्सीजन की कमी महसूस हुई.

उन्होंने कहा कि आम दिनों में 150 टन ऑक्सीजन की जरूरत होती थी जबकि दूसरी लहर में 700 टन ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी. तीसरी लहर आने की उम्मीद सत्य है. इसलिए ऑक्सीजन स्टोर की क्षमता भी बढ़ाई जा रही है. 

 

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