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AAP विधायक बोलीं- कॉरपोरेट ग्रुप के लिए माल बना रहे हैं LG, सदन में हंगामा

दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री के अधिकारों से जुड़ी केंद्र सरकार की अधिसूचना के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया है. विधानसभा के आपात सत्र के पहले दिन सोमवार उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने यह प्रस्ताव पेश किया.

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Najeeb Jung, Arvind Kejriwal
Najeeb Jung, Arvind Kejriwal

दिल्ली विधानसभा में मंगलवार को एलजी नजीब जंग के खि‍लाफ आम आदमी पार्टी के विधायकों ने सीधा हमला बोला है. अलका लांबा ने उपराज्यपाल पर आरोप लगाया है कि वो कॉरपोरेट ग्रुप के लिए माल बना रहे हैं, वहीं बयान के बाद मचे हंगामे के बीच स्पीकर ने बीजेपी के तीन विधायकों को मार्शल बुलाकर सदन से बाहर कर दिया है.

विधानसभा में सदन की कार्रवाई दोबार शुरू होने के ठीक बाद 'आप' विधायक लांबा ने कहा, 'एसीबी के हाथ एलजी की गर्दन तक पहुंच चुके हैं. सच तो यह है कि एलजी एक कॉरपोरेट ग्रुप के लिए माल बना रहे हैं.' विधायक के इस बयान के बाद सदन में हंगामा मच गया. बीजेपी विधायकों ने लांबा के बयान पर आपत्ति‍ जताई, जिसके बाद स्पीकर ने मार्शल बुलाकर बीजेपी के तीन विधायकों को सदन से बाहर कर दिया.

उठा LG के खि‍लाफ महाभि‍योग का मुद्दा
सदन से बाहर निकाले जाने के बाद नाराज बीजेपी विधायक ओपी शर्मा के कहा कि राम निवास गोयल स्पीकर बनने के लायक नहीं हैं. शर्मा ने कहा, 'साफ दिखता है कि सरकार आपसी समन्वय के साथ काम करना नहीं चाहती है.'

इससे पहले AAP विधायक आदर्श शास्त्री ने बहस के दौरान सदन में LG के खि‍लाफ महाभि‍योग का मुद्दा उठाया. शास्त्री ने कहा, 'विधानसभा को एलजी के खि‍लाफ महाभि‍योग का अधि‍कार होना चाहिए.'

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केंद्र की अधि‍सूचना के खि‍लाफ प्रस्ताव
दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री के अधिकारों से जुड़ी केंद्र सरकार की अधिसूचना के खिलाफ प्रस्ताव भी पेश किया. विधानसभा के आपात सत्र के पहले दिन मंगलवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने यह प्रस्ताव पेश किया. उन्होंने कहा, 'वे संविधान से खेल रहे हैं. किसी आदेश से संविधान को नहीं बदला जा सकता. एलजी चाहें तो मुख्यमंत्री से सलाह ले सकते हैं, अधिसूचना में लिखी यह बात गलत है.'

इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल नजीब जंग से मुलाकात की. सूत्रों के मुताबिक उन्होंने नजीब जंग को दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश की कॉपी दिखाई जिसमें कहा गया है कि राज्य सरकार के अंतर्गत काम करने वाले एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) को दिल्ली पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई का अधिकार है.

नियुक्ति और ट्रांसफर के मुद्दे पर बीच जारी विवाद के बाद दोनों की यह पहली मुलाकात थी. इस दौरान केजरीवाल के साथ उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और चीफ सेक्रेटरी केके शर्मा भी मौजूद थे. बताया जा रहा है कि केजरीवाल ने जंग से दिल्ली विधानसभा के मंगलवार से शुरू हो रहे दो दिवसीय आपात सत्र पर भी बात की. इस मुलाकात के बाद मनीष सिसोदिया ने कहा कि अब यह काफी साफ हो गया है कि एसीबी दिल्ली में काम कर सकती है. इससे पहले अधिकारों को लेकर केंद्र के साथ चल रही तकरार में केजरीवाल को दिल्ली हाई कोर्ट का साथ मिला. हाई कोर्ट ने सोमवार को दो टूक कहा कि दिल्ली के पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार विरोधी शाखा के अधिकार क्षेत्र में है और यह कहते हुए अदालत ने भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार एक हेड कॉन्स्टेबल की जमानत याचिका खारिज कर दी. केजरीवाल ने हाई कोर्ट की टिप्पणी के बाद कहा कि पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी के मुद्दे पर दिल्ली हाई कोर्ट का फैसला केंद्र सरकार के लिए बहुत ही असहज स्थिति है. अरविंद केजरीवाल ने इसे केंद्र सरकार के लिए शर्मिंदगी की बात बता डाला. उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी ट्वीट किया, 'ACB को कमजोर करने की केंद्र सरकार की कोशिश नाकाम. हाईकोर्ट ने कहा ACB पर गृह मंत्रालय का आदेश गलत.' सिसोदिया के ट्वीट को केजरीवाल ने रीट्वीट किया. सीएम अरविंद केजरीवाल और दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग के बीच 'दायरे' को लेकर जो टकराव की स्थ‍िति पैदा हुई थी, उसके मद्देनजर गृह मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर दिल्ली सरकार को उसकी संवैधानिक सीमा बताई थी. अब इस अधिसूचना पर चर्चा कराने के लिए दिल्ली सरकार ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है. ऐसी अटकलें हैं कि इस अधिसूचना के खिलाफ दिल्ली विधानसभा में कोई प्रस्ताव पास हो सकता है. समझा जा रहा है कि अधिसूचना के खिलाफ विधानसभा से पारित प्रस्ताव को राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा.

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