दिल्ली पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि लाल किले के पास धमाका करने वाला डॉ. उमर नबी अल-फलाह यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर था. दिल्ली पुलिस सूत्रों के अनुसार, धमाके से पहले उमर दोपहर लगभग 2:30 बजे फैज इलाही मस्जिद में आया और 10-15 मिनट वहां बिताये. यहां से वह सुनहरी मस्जिद के पास लाल किला पार्किंग के लिए रवाना हुआ. मस्जिद में नियमित रूप से नमाज़ पढ़ने वाले एक व्यक्ति ने कहा कि नमाज़ पढ़ने के लिए 10-15 मिनट का समय काफी है. उसने आगे कहा कि उसकी तरह एक आतंकवादी की भी नमाज़ कभी नहीं सुनी जा सकती, अगर हमें उसके बारे में पहले पता होता तो हम उसे पीट-पीटकर मार डालते.
धमाके से पहले उमर ने अपनी कार ह्यूंडई i20 को सुनहरी मस्जिद की पार्किंग में करीब 3:19 बजे खड़ा किया था. जांचकर्ताओं को शक है कि वह इस दौरान लगातार अपने साथियों की गिरफ्तारी से जुड़ी जानकारी ट्रैक कर रहा था. सूत्रों के मुताबिक, संभव है कि उसने अपने हैंडलर्स से संपर्क करने के लिए सिग्नल फोन का इस्तेमाल किया हो.
जांच में जुटी फॉरेंसिक टीम
फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) की टीम ने धमाके वाली जगह से 40 से ज्यादा सैंपल जुटाए हैं, जिनमें कार के टुकड़े, धातु के अवशेष और शरीर के हिस्से शामिल हैं. विशेषज्ञों की एक विशेष टीम विस्फोट में इस्तेमाल विस्फोटक की प्रकृति की जांच कर रही है.
CCTV फुटेज से सुराग जुटा रही पुलिस
पुलिस अब मस्जिद और आसपास के इलाकों के CCTV फुटेज खंगाल रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि उमर के साथ कोई और व्यक्ति था या नहीं. पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि धमाके की योजना में किसी ने उसकी मदद की थी या नहीं.
दूसरी गाड़ी की तलाश में पुलिस
धमाके की जांच के दौरान पता चला है कि आरोपी गिरोह के पास एक और लाल रंग की फोर्ड इकोस्पोर्ट कार भी थी. पुलिस ने राजधानी के सभी थानों और बॉर्डर चेकपोस्ट पर अलर्ट जारी कर दिया है ताकि उस कार को ट्रेस किया जा सके.
UAPA के तहत मामला दर्ज
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में UAPA यानी गैरकानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है. पहले यह माना जा रहा था कि कार में तीन लोग थे, लेकिन अब जांच में साफ हुआ है कि धमाके के वक्त कार में सिर्फ उमर नबी ही था.