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सभापति को AAP सांसद का पत्र- राज्यसभा में पेश न हो NCT संशोधन बिल

संजय सिंह ने सभापति को लिखे पत्र में लिखा है कि संविधान में 69वां संशोधन करके दिल्ली में विधानसभा का गठन किया गया था इसलिए एक साधारण विधेयक के जरिये इसमें किया जा रहा बदलाव भारत के संविधान का उल्लंघन है.

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आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह (फोटोः पीटीआई)
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह (फोटोः पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • AAP सांसद संजय सिंह ने वेंकैया नायडू को लिखा पत्र
  • NCT संशोधन बिल संविधान विरोधी- संजय सिंह

राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (एनसीटी) संशोधन विधेयक 2021 लोकसभा से पारित हो चुका है. अब इस बिल को राज्यसभा में पेश किया जाना है. राज्यसभा में बिल पेश किए जाने को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने राज्यसभा के सभापति उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को पत्र लिखा है.

संजय सिंह ने राज्यसभा के चेयरमैन को लिखे पत्र में यह मांग की है कि एनसीटी एक्ट संशोधन बिल सदन में पेश न किया जाए. संजय सिंह ने सभापति को लिखे पत्र में लिखा है कि संविधान में 69वां संशोधन करके दिल्ली में विधानसभा का गठन किया गया था इसलिए एक साधारण विधेयक के जरिये इसमें किया जा रहा बदलाव भारत के संविधान का उल्लंघन है.

संजय सिंह ने आगे लिखा कि राज्यसभा के चेयरमैन सरकार को निर्देश दें कि इस बिल को वापस ले जो संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन करता है. उन्होंने लिखा है कि लोकसभा में लोकतंत्र और संविधान का अपमान करते हुए उपराज्यपाल को सरकार बताने वाला गैर संवैधानिक बिल पास किया गया है. इस गैर संवैधानिक बिल को राज्यसभा में पेश न किया जाए.

गौरतलब है कि एनसीटी एक्ट संशोधन बिल एक दिन पहले ही लोकसभा से पास हुआ है. इसे आज यानी 23 मार्च को राज्यसभा में चर्चा के लिए लिस्ट किया गया है. संजय सिंह ने बताया कि दिल्ली में उपराज्यपाल की पावर बढ़ाने वाले केंद्र सरकार के बिल के खिलाफ एएपी संसद में अन्य विपक्षी दलों से भी बातचीत कर रही है. संजय सिंह ने कहा कि दिल्ली में इससे पहले मोहल्ला क्लीनिक योजना की मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी कैबिनेट को नौ दिन उपराज्यपाल के घर धरने पर बैठना पड़ा था.

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संजय सिंह ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट की कॉन्स्टिट्यूशन बेंच ने स्पष्ट करके फैसला दे दिया है कि 3 विषयों (पुलिस, लॉ एंड ऑर्डर, जमीन) को छोड़कर सारे अधिकार चुनी हुई सरकार और मुख्यमंत्री के पास होंगे. ऐसे में दिल्ली सरकार के केजरीवाल मॉडल की योजनाएं आगे जारी न रहने पाएं और देशभर में केजरीवाल मॉडल की लोकप्रियता पर रोक लग जाए, इसलिए केंद्र सरकार की ओर से यह बिल लाया गया है. यह गैर संवैधानिक है और सुप्रीम कोर्ट का अपमान है.

दिल्ली में उपराज्यपाल की पावर बढ़ाने वाले केंद्र सरकार के संशोधित बिल का एएपी संसद में विरोध करने की तैयारी कर रही है. पार्टी के सांसद संजय सिंह ने 'आजतक' को बताया कि पार्टी की ओर से अन्य विपक्षी दलों से बातचीत की गई है जो बिल का विरोध कर रहे हैं. संजय सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी सड़क से लेकर संसद तक बिल का विरोध करेगी.

 

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