उत्तरी दिल्ली नगर निगम में बुधवार को हुई सदन की बैठक में जोरदार हंगामा हुआ. दरअसल, बीते दिनों भ्रष्टाचार और काम में लापरवाही के मामले में तकरीबन 40 अधिकारियों को जबरन सेवानिवृत्ति दे दी गई थी. ऐसे में तमाम नेताओं ने एमसीडी कमिश्नर पर पारदर्शी तरीका ना अपनाने का आरोप लगाया.
अपने जवाब में एमसीडी कमिश्नर ने कहा कि पिछले कुछ समय से नगर निगम में भ्रष्टाचार का बोलबाला रहा है. ऐसे में केवल कुछ प्रतिशत ही अधिकारी ऐसे हैं जिन पर कोई भी आरोप नहीं लगे हैं वरना अधिकतर अधिकारी दागी हैं.
नॉर्थ एमसीडी के स्थाई समिति के चेयरमैन जयप्रकाश ने अपने बयान में कहा कि 90 फीसदी से ज्यादा इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट से जुड़े अधिकारी पर किसी ना किसी तरीके की चार्जशीट है. बताया गया कि केवल 17 ऐसे जूनियर इंजीनियर हैं जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप नहीं हैं.
बेदाग अफसर नहीं मिल रहे- कमिश्नर
नॉर्थ एमसीडी की कमिश्नर वर्षा जोशी ने अपने बयान में कहा कि महत्वपूर्ण विभागों में बैठाने के लिए हमें बेदाग अफसरों की तलाश थी लेकिन अफसोस के साथ कहना पड़ता है कि ईमानदार और बेदाग अफसरों की कमी है. ऐसे में बड़ी मुश्किल से महत्वपूर्ण पदों पर ईमानदार अफसरों की तैनाती हो पाई है.
दरअसल, उत्तरी दिल्ली नगर निगम में बीते दिनों 40 अफसरों और कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार के तहत कार्रवाई की गई थी. इन्हें कंपलसरी रिटायरमेंट दे दिया गया था. लेकिन बीते कई दिनों से यह सभी अधिकारी दिल्ली नगर निगम में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.