दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 के गैंगरेप के चार में से दो दोषियों ने दिल्ली हाई कोर्ट में अर्जी दायर करके इस मामले में निचली अदालत के दोषसिद्धि और सजा सुनाने संबंधी आदेशों समेत कुछ दस्तावेजों का हिंदी अनुवाद मांगा.
मुकेश और पवन के वकील एम.एल. शर्मा ने न्यायमूर्ति रेवा खेत्रपाल और न्यायमूर्ति प्रतिभा रानी की खंडपीठ को बताया कि उन्होंने प्राथमिकी, आरोप पत्र, साक्ष्य, 10 सितंबर के फैसले और 13 सितंबर के फैसले के हिंदी संस्करण के लिए अर्जी दायर की है. उन्होंने अदालत को बताया कि उन्होंने अपने दो मुवक्किलों की ओर से अपील दायर कर दी है, लेकिन उन पर आपत्ति है क्योंकि कुछ दस्तावेजों को प्राप्त किया जाना अभी बाकी है.
यह खंडपीठ निचली अदालत की ओर से अपराधियों को दिए गए मृत्युदंड की पुष्टि की सुनवाई कर रही है. शर्मा ने अदालत से अपील की कि उनके औपचारिक अपील दायर करने तक मामले की सुनवाई स्थगित की जाए. उन्होंने कहा कि दस्तावेज अंग्रेजी में हैं और वह इन दस्तावेजों का हिंदी अनुवाद चाहते हैं. खंडपीठ ने कहा कि यह अदालत मामले की तत्काल सुनवाई नहीं कर सकती, क्योंकि एक न्यायाधीश को तेज बुखार हो गया है. इसके बाद अदालत ने मामले की सुनवाई 28 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी.
खंडपीठ ने अभियोजन पक्ष को भी निर्देश दिया था कि वह दोषी मुकेश से संबंधित दस्तावेज शर्मा को मुहैया कराए. पवन के मामले की इससे पहले पैरवी कर रहे वकील ने भी शर्मा को पवन से संबंधित दस्तावेज दे दिए हैं. मुकेश के मामले का इससे पहले पैरवी कर रहे वकील वी.के. आनंद ने अदालत को बताया था कि वह मामले से पीछे हटना चाहते हैं, क्योंकि दोषी के परिवार के सदस्य अपील दायर करने के लिए उनके काम में हस्तक्षेप कर रहे हैं.
विशेष लोक अभियोजक दयान कृष्णन ने खंडपीठ को बताया था कि पवन के वकील विवेक शर्मा ने फोन पर उन्हें सूचित किया कि वह इस मामले से पीछे हटना चाहते है. इससे पहले सात अक्टूबर को मामले के दो अन्य दोषियों विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर ने निचली अदालत के 10 सितंबर को दिए दोषसिद्धि और 13 सितंबर को सुनाए सजा संबंधी आदेशों के लिए संयुक्त अपील दायर की थी.
दक्षिण दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 की रात को एक चलती बस में 23 वर्षीय लड़की ज्योति के बलात्कार के मामले में इन चारों को सजा-ए-मौत सुनायी गयी है.