दिल्ली के राजेंद्र नगर इलाके में 16 मई को सागर रत्ना रेस्टोरेंट में हुए शूटआउट में अब कई अहम बातें सामने आई हैं. दिल्ली आजतक की टीम को एनकाउंटर से पहले और शूटआउट के बाद की कड़ी में कुछ हैरान करने वाली जानकारी मिली है. सूत्रों के मुताबिक, एनकाउंटर के फौरन बाद पुलिस ने सागर रत्ना के स्टाफ के मोबाइल बंद करवा दिए थे.
शूटआउट के बाद पुलिस ने तस्वीरें खींचने से रोकने के लिए ऐसा किया था. पता चला है कि मनोज अक्सर राजेंद्र नगर स्थित उस रेस्टोरेंट में आता था. रेस्टोरेंट का पूरा स्टाफ मनोज को अच्छी तरह पहचानता था. सागर रत्ना में मनोज हमेशा कॉर्नर वाले सोफे पर बैठता था और उसके आते ही कॉर्नर के 2 सोफे बुक कर दिए जाते थे लेकिन एनकाउंटर वाले दिन मनोज ने अपनी जगह बदली थी.
पुलिस ने जारी किया दूसरा CCTV फुटेज
एनकाउंटर वाले दिन मनोज रेस्टोरेंट में सेंटर में बैठा था. एक ज्वॉइंट टेबल पर मनोज और उसके दोस्त बैठे थे. मनोज के सिर के ठीक ऊपर भी सीसीटीवी कैमरा था लेकिन पुलिस ने मनोज के दाहिनी ओर लगा सीसीटीवी फुटेज जारी किया.
इस मामले में जांच के लिए गठित की गई SIT पड़ताल में जुटी है. शूटआउट के बाद 21 मई को पहली बार पुलिस ने रेस्टोरेंट खुलवाया. सागर रत्ना के स्टाफ के मुताबिक, वो लोग मनोज को अच्छी तरह पहचानते जरूर थे लेकिन ये नहीं जानते थे कि स्पेशल सेल उसकी तलाश में है.
जगह बदलने से बदल गई दुनिया
मनोज वशिष्ठ के खिलाफ धोखाधड़ी और ठगी के मामलों की जानकारी भी सागर रत्ना के स्टाफ को नहीं थी. रेस्टोरेंट के कर्मचारी मनोज को बड़ा व्यापारी समझते थे. 16 मई को मनोज ने सागर रत्ना में अपनी जगह क्या बदली, उसकी दुनिया ही बदल गई. मनोज को रेस्टोरेंट में अपनी पसंदीदा जगह नहीं मिली और कुछ देर बाद ही मौत मिल गई.