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दिल्ली में पटाखों पर सिर्फ नाम का बैन, चोरी-छिपे हो रही बिक्री... सदर बाजार से रियलिटी चेक

इस साल दीपावली में भी दिल्ली एनसीआर में पटाखों पर बैन जारी है. ‌वायु प्रदूषण की समस्या को देखते हुए इस साल भी बाजार में पटाखे नहीं बिक पाएंगे. हालांकि, पिछले साल पटाखे पर बैन के बावजूद दीपावली के दिन पटाखे फोड़े गए, जिसका असर हवा की गुणवत्ता पर दिखाई पड़ा.

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दिल्ली में पटाखों पर बैन, फिर भी चोरी-छिपे बिक रहे
दिल्ली में पटाखों पर बैन, फिर भी चोरी-छिपे बिक रहे

इस साल दीपावली में भी दिल्ली एनसीआर में पटाखों पर बैन जारी है. ‌वायु प्रदूषण की समस्या को देखते हुए इस साल भी बाजार में पटाखे नहीं बिक पाएंगे. हालांकि, पिछले साल पटाखे पर बैन के बावजूद दीपावली के दिन पटाखे फोड़े गए, जिसका असर हवा की गुणवत्ता पर दिखाई पड़ा. इस साल भी पटाखे पर बैन लगाया गया है, लेकिन यह बैन कितना कारगर है और इस बैन का असर बाजारों पर क्या है, यह जानने के लिए आज तक की टीम ने दिल्ली के सबसे बड़े बाजार में जाकर रियलिटी चेक किया.
    
हमने दिल्ली के सदर बाजार का दौरा किया. पुरानी दिल्ली का यह बाजार दिल्ली में सबसे बड़े बाजारों में से एक है और यहां सुबह-सवेरे भी हजारों की संख्या में भीड़ दिखाई दे रही है. दीपावली से पहले साज-सज्जा के सामान खरीदने के लिए हजारों की भीड़ बाजार पहुंच गई है.

छोटे बच्चों के लिए बेचे जा रहे थे पटाखे 
सदर बाजार में हमने एक दुकान का मुआयना किया तो वहां अनार और बड़ी फुलझडियों या धमाके वाले पारंपरिक पटाखे नहीं मिले. हालांकि पटाखों के नाम पर जो कुछ मौजूद था वह बंदूक से फोड़े जाने वाले छोटे पटाखे थे, जो बच्चों के लिए बेचे जा रहे थे. दुकानदार ने बताया कि उसके यहां ज्यादातर पटाखे चटपटे हैं और बच्चों के इस्तेमाल के लिए हैं. बीच बाजार में भी कई जगहों पर चुटपुटी पटाखे बिकते दिखाई पड़े तो कई जगहों पर छोटी फुलझड़ियां दिखाई पड़ी, लेकिन दुकानदारों को यह नहीं पता उस पर प्रतिबंध है या नहीं है. एक दुकानदार के पास कोल्ड फायर कैप्सूल थे और उसने कहा कि इसका इस्तेमाल शादियों में किया जाता है, जिसको इलेक्ट्रिक बंदूक में रखकर इस्तेमाल किया जाता है.

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कैमरा देखकर पटाखे छिपाए
कुछ दुकानदार छोटे पटाखे बेच रहे थे और उन्होंने कहा कि यह बच्चों के लिए है. बाजार में चोरी छिपे कुछ लोग फुलझड़ियां बेचते नजर आए. कुछ दुकानदार कैमरा देखकर पटाखे छुपाते नजर आए. एक दुकानदार ने कहा कि मेरे पास सिर्फ चार डब्बे ही बचे हैं. दुकानदार ने कहा कि इन पटाखों पर बैन है, लेकिन जब कंपनी बना रही है तो हम बेच रहे हैं.  चोरी छिपे पटाखे बेचे जाने की बात लोगों ने कबूली, लेकिन खुले बाजार ज्यादातर प्रतिबंधित पटाखे नदारद हैं.
   
हालांकि पिछले साल भी पटाखे पर प्रतिबंध होने के बावजूद दिवाली पर जमकर पटाखे फोड़े गए थे, जिसका असर अगले दिन वायु गुणवत्ता पर दिखाई पड़ा है. बाजारों में पटाखे भले नहीं बिक रहे हैं, लेकिन प्रतिबंध कितना कारगर है यह दिवाली की रात ही पता चलेगा.

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