दिल्ली सरकार के बाल सुधार गृह में नाबालिगों को बेल दिए जाने पर जोर दिया जा रहा है. कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए बाल सुधार गृह में भीड़ कम की जा रही है. समाज कल्याण विभाग के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने 'आजतक' को बताया कि दिल्ली के 4 बाल सुधार गृह के अबतक 159 नाबालिगों को बेल दिलाई जा चुकी है. कानून के तहत बेल मिलते ही रिहा कर दिया जाता है.
कोर्ट का आदेश भी है कि जिनके खिलाफ गंभीर मामले नही हैं, उन्हें बेल दिलाकर बाल सुधार गृह में सोशल डिस्टेंसिंग कायम रखी जाए. इसके अलावा यहां आने वाले नाबालिगों को पहले 14 दिन तक क्वारनटीन किया जाता है और फिर 14 दिन के बाद ही बाल सुधार गृह में एंट्री दी जाती है.
'आजतक' को मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली गेट के बाल सुधार गृह में 75 नाबालिगों के रहने की व्यवस्था है. लॉकडाउन के दौरान यहां 20 नाबालिग भर्ती हुए, जबकि लॉकडाउन के मद्देनजर 19 को यहां बेल दिलाई जा चुकी है. इसके अलावा मुखर्जी नगर के बाल सुधार गृह में 100 नाबालिगों के रहने की व्यवस्था है. फिलहाल यहां लॉकडाउन के दौरान 28 को भर्ती किया गया और लॉकडाउन के बाद 95 नाबालिगों को बेल पर रिहा किया गया.
मजनू के टीले पर मौजूद बाल सुधार गृह में 50 नाबालिगों के रहने की व्यवस्था है. लॉकडाउन के दौरान यहां सिर्फ 1 नाबालिग की भर्ती हुई जबकि 43 नाबालिगों को बेल दिलवाकर रिहा किया जा चुका है. लड़कियों के एक बाल सुधार गृह से लॉकडाउन के बाद 2 नाबालिग को बेल देकर रिहा किया जा चुका है.
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ओल्ड एज होम और वहां काम करने आए स्टाफ को कोरोना से बचाने के लिए उठाए जा रहे कदम के बारे में बताते हुए राजेंद्र पाल गौतम ने कहा, "ओल्ड एज होम में कोरोना से निपटने के लिए ध्यान रखा जा रहा है. ओल्ड एज होम को लगातार सैनिटाइज किया जाता है. वहां के स्टाफ को गाइडलाइन पर अमल करने के आदेश हैं. अच्छी बात यह है कि अबतक बाल सुधार गृह या ओल्ड एज होम में एक भी कोरोनो पॉजिटिव का मामला नहीं आया है. एक व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए भी अपडेट लिए जाते हैं ताकि किसी गड़बड़ी से बचा जा सके."
लॉकडाउन आगे बढ़ाने के सवाल पर केजरीवाल सरकार में मंत्री राजेंद्र पाल गौतम अर्थव्यवस्था की चिंता करते नजर आए. उन्होंने कहा कि "देश की अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखना होगा, जैसे धीरे-धीरे छूट दी जा रही है, इसी तरह मास्क और सैनिटाइजेशन को जरूरी बनाकर कदम आगे बढ़ाने की जरूरत है."