दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका लगाई गई है जिसमें पीएमसी बैंक के खाताधारक सीनियर सिटीजंस को तुरंत 5 लाख रुपये निकालने की सुविधा देने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि कोरोना के समय में सीनियर सिटीजंस के लिए उनकी सेविंग्स ही उनका आर्थिक सहारा है. पैसे की तंगी के चलते सीनियर सिटीजन को रोज अपनी जिंदगी जद्दोजहद के साथ जीनी पड़ रही है. पीएमसी बैंक से पैसे न निकाल पाने के कारण मेडिकल सुविधाओं के लिए भी सीनियर सिटीजन परेशान घूम रहे हैं.
याचिका में कहा गया है कि पूरे देश में पीएमसी बैंक के 9 लाख खाताधारक हैं जिनमें से साढ़े तीन लाख सीनियर सिटीजन हैं. कई सीनियर सिटीजंस की समय पर पैसा न मिलने के चलते मौत तक हो चुकी है. हाईकोर्ट में लगाई गई याचिका में कहा गया है कि सीनियर सिटीजन को 5 लाख तक की रकम पीएमसी बैंक से निकालने के लिए आरबीआई को कोर्ट की तरफ से निर्देश दिए जाएं. आरबीआई को इस मामले में पक्षकार बनाया गया है क्योंकि आरबीआई के एक सर्कुलर के हिसाब से पीएमसी बैंक पर नियामक प्रतिबंध 23 मार्च 2020 से 22 जून 2020 तक तीन महीने के लिए और बढ़ा दी गई है.
दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका सामाजिक कार्यकर्ता बिजौन मिश्रा की तरफ से लगाई गई है. याचिका में कहा गया है कि कई बुजुर्गों ने बैंकों को अपनी राशि निकालने के लिए पत्र लिखे लेकिन बैंक अधिकारियों की तरफ से उन्हें कोई जवाब नहीं मिल रहा है. इस मामले में याचिकाकर्ता की तरफ से वकील शशांक देव सुधी ने आजतक को बताया कि हर महीने बैंक में 90 करोड़ का ब्याज आ रहा है. ऐसे में परेशान सीनियर सिटीजंस के लिए 5 लाख तक की रकम निकालने देने की सुविधा दी जा सकती है.
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पीएमसी बैंक में लोगों का 11000 करोड़ रुपये जमा है. यह सहकारी बैंक है और इसमें ज्यादातर उन लोगों के खाते हैं जो बेहद गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार से हैं. ऑटो चालक से लेकर टैक्सी ड्राइवर, छोटे कारोबारी, पेंशनर्स के खाते इस बैंक में हैं. ऐसे में आरबीआई के प्रतिबंध के बाद सबसे ज्यादा नुकसान खाताधारकों का हुआ है. खाताधारकों में सीनियर सिटीजन के लिए यह दोहरी मार है क्योंकि ज्यादातर सीनियर सिटीजंस के पास आय का कोई और जरिया नहीं है.