दिल्ली सरकार ने कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए कोशिशें अब और तेज कर दी हैं. लगातार कोरोना मरीजों को चिन्हित किया जा रहा है. प्रभावित इलाकों में सैनिटाइजेशन और सीलिंग की जा रही है, ताकि कोरोना का वायरस और न फैलने पाए.
दिल्ली में पहले उन इलाकों को कोरोना वायरस का रेड जोन घोषित किया जाता था, जहां 10 या उससे ज्यादा कोरोना वायरस के मरीज पाए जाते थे, लेकिन अब दिल्ली सरकार ने इस मापदंड को सख्त करते हुए उन इलाकों को भी कोरोना का रेड जोन घोषित करना शुरू कर दिया है जहां से कोरोना के 3 मरीज पाए जा रहे हैं. इसके बाद इन क्षेत्रों को सील किया जा रहा है और सैनिटाइजेशन किया जा रहा है.
इस बीच, 'आजतक' से बातचीत में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ सभी लड़ रहे हैं. राज्य सरकारें भी मुस्तैदी से जंग में हैं. कोरोना के खिलाफ लड़ाई में थोड़ी सफलता मिली है, लेकिन हम थोड़ी और सख्ती बरतेंगे तो हम जीत जाएंगे.
कोरोना पर फुल कवरेज के लिए यहां क्लिक करें
इस सवाल पर कि एक दिन में साढ़े तीन सौ से ज्यादा केस सामने कैसे आ गए? मनीष सिसोदिया ने कहा कि हमें पता है कि ये साढ़े तीन सौ केस कहां से आ रहे हैं और उनके स्रोत क्या हैं. इसलिए चिंता की बात नहीं है. इन्हें क्वारनटीन में रखा गया था और इनका टेस्ट हुआ था. जब उनकी रिपोर्ट आई तो सब सामने आया. लेकिन जनता के बीच से इस तरह से केस सामने नहीं आ रहे हैं.
कोरोना कमांडोज़ का हौसला बढ़ाएं और उन्हें शुक्रिया कहें...
मनीष सिसोदिया ने कहा कि लॉकडाउन के बावजूद जिन इलाकों को हमने सील किया है, वहां से हमें बहुत सकारात्मक नतीजे मिले हैं. सील करने का नतीजा ये हुआ है कि उस इलाके में अगर एक केस है तो वो ठीक हो चुका है और अस्पताल से घर लौटने वाला है. लेकिन उससे दूसरे को संक्रमण नहीं फैला है.
दिल्ली में क्यों बढ़े केस
मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में केस बढ़ने की बड़ी वजह ये थी कि इटली से, ईरान से, जर्मनी से, बहुत सारे देशों से लोग दिल्ली और मुंबई के एयरपोर्ट पर उतरे. मान लीजिए यदि कोई पैसेंजर दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरा है और वह कोरोना संक्रमित है तो उसकी गिनती भी दिल्ली के कोरोना केस में ही हुई है.
डिप्टी सीएम ने कहा कि दूसरी वजह बड़े पैमाने पर अभियान चलाने की रही, जिसमें केस निकल कर सामने आए. इसमें तबलीगी जमात का केस भी शामिल है. यही वजह है कि दिल्ली में इतने केस सामने आए. उन्होंने कहा कि जहां तक दिलशाद गार्डन की बात है तो इस मॉडल को राष्ट्रीय राजधानी के 50 इलाकों में लागू किया गया है. इलाकों को सील करने का नतीजा सामने आ रहा है. लोग कह रहे हैं कि अगर इलाकों को सख्ती से सील नहीं किया गया होता तो कोरोना फैल जाता.