देश में कोरोना की दूसरी लहर से भारी तबाही देखने को मिली है. जगह-जगह मरीज और उनके परिजन दर-दर भटकते दिख रहे हैं, ऑक्सीजन को लेकर मारामारी हो रही है और बेड तो अब मिलना भी मुश्किल साबित हो रहा है. दिल्ली में भी कोरोना विस्फोट ने स्थिति को बेकाबू कर दिया है और स्वास्थ्य सेवाएं भी चरमराने लगी हैं. इस मुश्किल समय में दिल्ली के कई कारोबारियों ने मदद का हाथ बढ़ाया है. लॉकडाउन में बिजनेस को जरूर नुकसान हुआ है, लेकिन लोगों की मदद करने का जज्बा बरकरार है.
कोरोना काल में कारोबारियों ने दी मदद
फ्री ऑक्सीजन सिलेंडर देने से लेकर जरूरी दवाई उपलब्ध करवाने तक, इस समय कारोबारियों के द्वारा बड़े स्तर पर मदद की जा रही है और उम्मीद की किरण जगाने की कोशिश है. दिल्ली में एमएसएमई बवाना इंडस्ट्रियल एसोसिएशन की श्री सुखमनी सेवा सोसाइटी के अध्यक्ष तजिंदर सिंह ने बताया कि हर रोज़ फ्री ऑक्सीजन सिलिंडर बांट रहे हैं. 5000 कॉटन के मास्क भी भेजे जा रहे हैं. सैनिटाइज़र, स्टीमर की भी सुविधा करवाई जा रही है.
फ्री सिलेंडर-दवाई की सुविधा
इसी कड़ी में मायापुरी इंटस्ट्रियल एसोसिएशन के अध्यक्ष नीरज सहगल का कहना है कि मायापुरी इंडस्ट्रियल वेलफेयर एसोसिएशन में फ्री कोविड टेस्टिंग सेंटर चला रहे हैं. 30 हजार के टेस्ट कर चुके हैं. फ्री में ऑक्सीजन बांट रहे हैं और अस्पतालों को भी दे रहे हैं. दवाई में योगदान दे रहे हैं. लेकिन दिल्ली को एमएसएमई की तरफ से जो मदद मिल रही है, वैसा योगदान अभी नोएडा के लिए नहीं हो पाया है. वहां पर अभी भी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है.
एनसीआर के शहर नोएडा में कारोबारियों की संस्था एमएसएमई की बिना ऑक्सीजन दम तोड़ रहे लोगों की मदद करने के लिए ऑक्सीजन बैंक खोलने की योजना अंतिम पायदान तक पहुंचकर भी पूरी नहीं हो पाई. नोएडा एमएसएमई के जिलाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह नहाटा ने कहा कि लोगों की मदद को ऑक्सीजन बैंक बनाने के लिए सिलिंडर तक जमा कर लिया गया था लेकिन ऐन वक्त पर प्रशासन से मंजूरी नहीं मिली बल्कि लिहाजा लोगों को खाली सिलिंडर के साथ ही वापस होना पड़ा.
नोएडा को नहीं मिल पाई मदद
वैसे एमएसएमई के अलावा दूसरी कई संस्थाएं भी इस समय मदद का हाथ आगे बढ़ा रही हैं. कुछ संस्थाएं होम आइसोलेशन में बैठे लोगों को फूड पैकेट पहुंचा रही हैं तो कुछ इस समय हेल्पलाइन नंबर के जरिए जरूरी जानकरी प्रदान कर रही हैं. काम सभी का अलग है, लेकिन कोरोना के मुश्किल समय में चुनौती को कम करने वाला साबित हो रहा है.