किसी भी मौके पर आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल केंद्र की मोदी सरकार का विरोध करने से पीछे नहीं रहते. ऐसे कम ही मौके रहे हैं जब मोदी सरकार के किसी फैसले से सीएम केजरीवाल खुश नजर आए हों. हालांकि इस बार सीएम केजरीवाल ने मोदी सरकार के अनुच्छेद 370 के फैसले का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि सरकार के फैसले के पक्ष में हैं और उम्मीद है कि इससे राज्य में शांति और विकास होगा.
इसके बाद आम आदमी पार्टी के इस स्टैंड पर आलोचना शुरू हो गई. दिल्ली के लिए पूर्ण राज्य की मांग करने वाली AAP के इस रुख पर कई लोगों ने नाराजगी जाहिर की. इसी बीच कांग्रेस ने भी आपत्ति जताई. दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व नेता अजय माकन ने ट्वीट कर तंज कसा. उन्होंने लिखा, केजरीवाल जी- ''AAP'' तो ऐसे ना थे; या थे? और जनता को मूर्ख बना रहे थे!
केजरीवाल जी- “AAP” तो ऐसे ना थे;
या थे? और जनता को मूर्ख बना रहे थे!
पहले-दिल्ली को केन्द्र शासित से,
पूर्ण राज्य की माँग कर रहे थे!
और अब-जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य से,
केन्द्र शासित का समर्थन कर रहे हैं?
शेर के खाल में लोमड़ी ही थी!
अब तो जग ज़ाहिर हे गया है!
— Ajay Maken (@ajaymaken) August 5, 2019
लोगों की नाराजगी देखते हुए बाद में आम आदमी पार्टी ने पूर्ण राज्य पर अपनी सफाई दी. पार्टी ने बयान जारी कर कहा कि दोनों जगह (दिल्ली और जम्मू कश्मीर) के हालात में बहुत फर्क है. पार्टी ने कहा कि हम आज भी दिल्ली और पुंडुचेरी के पूर्ण राज्य का समर्थन करते हैं, लेकिन जम्मू-कश्मीर में हालात दिल्ली से उल्ट है.
वहीं, पार्टी से थोड़ा अलग बयान आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह का आया. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाली अनुच्छेद 370 पर मोदी सरकार के फैसले का समर्थन करता हूं. हालांकि, उन्होंने जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने को लेकर आपत्ति जताई.
बता दें कि मोदी सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 के हटाने और राज्यसभा में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल को पारित कराने में जहां बीएसपी ने साथ दिया. वहीं, आम आदमी ऐसी दूसरी पार्टी थी जिसने सरकार के पक्ष को समर्थन देकर सबको चौंका दिया. इन पार्टियों के अलावा बीजेडी, एआईएडीएमके और शिवसेना ने भी सरकार के फैसले का समर्थन किया.