दिल्ली के चांदनी चौक में प्राचीन हनुमान मंदिर को तोड़े जाने पर सियासत तेज हो गई है. हाई कोर्ट के आदेश में चांदनी चौक के री-डेवलपमेंट के लिए तोड़े गए मंदिर पर आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में खींचतान जारी है. चांदनी चौक में मंगलवार को हिंदू संगठनों ने दिल्ली सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. बीजेपी इसके लिए दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराती रही है तो आम आदमी पार्टी बीजेपी के नेतृत्व वाली एमसीडी को दोषी करार दे रही है. वहीं दिल्ली कांग्रेस ने मंदिर तोड़े जाने को लेकर बीजेपी के नेतृत्व वाले नगर निगम और दिल्ली सरकार दोनों को जिम्मेदार ठहराया है.
असल में, इसकी शुरुआत 4 जनवरी को सुबह चार बजे चांदनी चौक में सौंदर्यीकरण के लिए फुटपाथ पर बीच में बने हनुमान मंदिर को कोर्ट के आदेश पर हटाने के बाद हुई है. बस इसी के बाद सोमवार सुबह सबसे पहले अरविंद केजरीवाल की पार्टी के कार्यकर्ता मंदिर वहीं बनाएंगे का नारा लेकर प्रदर्शन करने पहुंचे. लेकिन 24 घंटे के भीतर जहां मंदिर टूटा वहां फिर नया प्रदर्शन होने लगा. इस बार भगवा झंडे के साथ क्रोधित हनुमान जी की तस्वीर लिए वीएचपी, बजरंग दल के कार्यकर्ता पहुंच गए, और 'ये भी मंदिर वहीं बनाएंगे' का नारा लगाने लगे.
यानी अब दिल्ली में विकास छोड़ मंदिर का ठीकरा फोड़ राजनीति जारी है, क्योंकि चांदनी चौक में अदालत के आदेश पर हटाए गए मंदिर को तोड़ने का जिम्मेदार आम आदमी पार्टी और बीजेपी एक दूसरे को बता रहे हैं. इस बात पर फोकस कोई नहीं करना चाहता कि सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था?
अदालत की राय
तारीख थी- 29 सितंबर 2009. जब देश की सर्वोच्च अदालत ने सभी राज्यों को निर्देश देते हुए कहा था कि धर्म और भगवान के नाम पर कोई भी अवैध धार्मिक स्थल सड़क, पार्क या दूसरी सार्वजनिक जगह पर नहीं खड़ा किया जा सकता. अप्रैल 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सभी को पैदल चलने का अधिकार है. भगवान कभी किसी के पैदल चलने के रास्ते में बाधा खुद नहीं बनना चाहते.
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लेकिन जिस दिन देश की सर्वोच्च अदालत ने संसद की नई इमारत के निर्माण के लिए रास्ता साफ कर दिया, उसी दिन चांदनी चौक में विकास के निर्माण में दिल्ली के दोनों सबसे बड़े दल धर्म की बाधा हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद खड़ी करते मिले. हाई कोर्ट के आदेश के बाद बीजेपी शासित एमसीडी ने जिस मंदिर को चांदनी चौक में री डेवलेपमेंट के प्रोजेक्ट के लिए हटवाया. अब उसी मंदिर के लिए खुद को शहीद औऱ दूसरे को कातिल बताने की होड़ मच गई.
AAP का बीजेपी पर निशाना
आम आदमी पार्टी के विधायक दुर्गेश पाठक ने कहा कि नॉर्थ एमसीडी ने हाई कोर्ट में बोला कि टेंपल तोड़ने को तैयार हैं, टेंपल तोड़ा नॉर्थ एमसीडी ने, किसको बेवकूफ बना रहे हैं, आप फंस चुके हैं, इस बात को मानिए कि आपने मंदिर तोड़ा.
बीजेपी ने AAP को बताया जिम्मेदार
वहीं दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि चांदनी चौक में प्राचीन हनुमान मंदिर के मुद्दे पर दिल्ली सरकार की धार्मिक समिति दोबारा समीक्षा करे. डेवेलमेंट प्लान को री-डिजाइन करें और प्राचीन हनुमान मंदिर को पुनः स्थापित करने की अनुमति प्रदान की जाए.
दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि विधायक सौरभ भारद्वाज सहित आम आदमी पार्टी के विभिन्न नेता लगातार दो दिन से हनुमान मंदिर को तोड़े जाने पर झूठ बोल रहे हैं. बीजेपी ने शुरू से ही चांदनी चौक विकास परियोजना का विरोध किया था. क्योंकि हम जानते थे की इसमें जहां मंदिर एवं गुरुद्वारा परिसरों में तोड़ फोड़ होगी तो वहीं क्षेत्र का थोक व्यापार भी यातायात प्रतिबंधों से प्रभावित होगा.
कांग्रेस क्या बोली?
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी का कहना है कि दोनों पार्टियां एक दूसरे पर आरोप लगा रही हैं जबकि सच्चाई यह है कि दिल्ली सरकार की सहमति से ही उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने मंदिर को हटाया है. एक समान प्रक्रिया के तहत यदि किसी धार्मिक ढांचे, मंदिर को तोड़ा जाए तो उसे विस्थापित करने के लिए वैकल्पिक स्थान मुहैया कराया जाना चाहिए.
स्कूल से ज्यादा धार्मिक स्थल
बहरहाल, देश में स्कूल से ज्यादा धार्मिक स्थल हैं. 2011 की जनगणना के मुताबिक भारत में 1902 लोगों के लिए एक अस्पताल या क्लीनिक मिल पाता है. लेकिन भारत में प्रति 400 लोगों पर एक धार्मिक स्थल हर धर्म का जरूर है. ऐसे में जहां विकास को जरूरी बताते हुए प्रधानमंत्री तक पहले शौचालय, फिर देवालय की बात कह चुके हों.