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अमित शाह का दलित बस्ती में PM की 'मन की बात' सुनना इत्तेफाक नहीं

दिल्ली में आरके पुरम का संत रविदास कैंप एक दलित बहुल इलाके के तौर पर जाना जाता है. ऐसे में अमित शाह के प्रधानमंत्री के "मन की बात" कार्यक्रम को राजधानी के संत रविदास मंदिर परिसर में दलित लोगों के बीच में सुनने जाना सहारनपुर में हुई घटना की भरपाई करना था.

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बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऑल इंडिया रेडियो पर "मन की बात" प्रोग्राम को आरके पुरम सेक्टर-3 स्थित इलाके में रविदास मंदिर परिसर में आम जनता के साथ सुनने पहुंचे. इस अवसर पर बीजेपी के संगठन महासचिव रामलाल, दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी और स्थानीय सांसद मीनाक्षी लेखी मौजूद थीं.

दलित समाज संत रविदास को भगवान समान मानता है और उनकी पूजा करते है. दिल्ली में आरके पुरम का संत रविदास कैंप एक दलित बहुल इलाके के तौर पर जाना जाता है. ऐसे में अमित शाह के प्रधानमंत्री के "मन की बात" कार्यक्रम को राजधानी के संत रविदास मंदिर परिसर में दलित लोगों के बीच में सुनने जाना सहारनपुर में हुई घटना की भरपाई करना था.

दरअसल पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में दलितों पर हमले के बाद विपक्ष योगी सरकार पर दलित विरोधी होने का आरोप लग रहा है. बीएसपी सुप्रीमो मायावती से लेकर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी सहारनपुर जाकर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक चुके हैं.

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योगी सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी सहारनपुर की हिंसा को रोकने में काफी वक्त लग गया. ऐसे में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह दिल्ली की दलित बस्ती जाकर ये संदेश देना चाहते हैं कि चाहे केंद्र में मोदी सरकार हो या यूपी में योगी सरकार या किसी भी राज्य में बीजेपी शासित सरकार हो दलितों का हित एजेंडे में सबसे ऊपर है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह ये बात अच्छे से जानते हैं कि सहारनपुर में दलित के साथ हुई घटना का डैमेज कंट्रोल करना बेहद जरूरी है. वैसे भी आए दिन अमित शाह और पीएम मोदी को ये खबर परेशान करती रहती है कि लोकसभा चुनाव से पहले अखिलेश और मायावती बीजेपी के खिलाफ एक हो सकते हैं.

इसलिए तीन साल में पहली बार प्रधानमंत्री के "मन की बात" कार्यक्रम को सुनने के लिए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह दलित बस्ती पहुंचे क्योंकि सवाल दिल पर मरहम लगाने का कम वोट बैंक का ज्यादा है.

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