राजधानी में 15 अगस्त पर पतंग उड़ाने का चलन है. पुलिस की लाख सख्ती के बाद भी मेटल कोटेड चाइनीज मांझे का इस्तेमाल कम तो हुआ लेकिन पूरी तरह से नही रुक रहा. हर साल सैकड़ों पक्षी इसी चाइनीज मांझे की वजह से अपनी जान गंवा देते हैं. अब कई ऐसे भी होते हैं जिन्हें बचाया जा सकता है.
अगर समय रहते इलाज मिल जाए तो उन्हें ठीक किया जा सकता है. अब इसी जरूरत को समझते हुए एक ऐसी गाड़ी तैयार कर दी गई है जो आसानी से पक्षियों का रेस्क्यू कर पाएगी. ये दाम में सस्ती है लेकिन काम में काफी प्रभावी.
दिल्ली में पक्षियों को रेस्क्यू करने का नया तरीका
दिल्ली फायर सर्विस के चीफ अतुल गर्ग ने कहा कि स्काइलिफ्ट सब जगह नही जा सकती है. इसलिए इन हाउस छोटा मॉडल डेवलप किया है. अब तक बर्ड को बचाने में स्काइलिफ्ट (ब्रांटो) का ही इस्तेमाल होता था. लेकिन अब 4 गाड़ियां ट्रायल पर बनवाई हैं.
विदेश से आयातित स्काइलिफ्ट (ब्रांटो) की कीमत 16 करोड़ तक होती है लेकिन देसी तरीके से बनाई गई ये मशीन सिर्फ 12 लाख में भी प्रभावी अंदाज में अपना काम कर जाती है. अलग-अलग फायर स्टेशन पर इन्हें तैनात किया गया है.
कैसे काम करेगी ये गाड़ी?
फायर ऑफिसर सोमवीर सिंह ने बताया कि दिल्ली की तंग से तंग गलियो में ये हाइड्रोलिक गाड़ियां जा सकती हैं. ये वजन में हल्की हैं. विदेश से आई क्रेने जमीन में धंस जाया करती थीं लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. अब क्योंकि वजन काफी कम है, ऐसे में इस्तेमाल करना भी आसान रहेगा.
स्काइराइज़ मशीनों की सहायता से 15 से 18 मीटर तक फायर फाइटिंग और बर्ड रेस्क्यू किया जा सकेगा. खास बात ये भी है कि ग्राउंड जीरो पर क्रेन विदेशी ब्रांटो की तरह 6 मीटर नही बल्कि साढ़े 3 मीटर एरिया ही कवर करेगी. इस पर लगे पंप पानी फेंकेंगे. इसका मुख्य काम रेस्क्यू होगा. अब ये मशीन कितनी प्रभावी साबित होती है, ये आने वाले दिनों में साफ हो जाएगा.