पश्चिम बंगाल भाजपा ने 22 जनवरी को होने वाले निकाय चुनावों को स्थगित करने की मांग की है. बंगाल भाजपा का कहना है कि कोरोना की स्थिति हर जगह खराब है. सरकार को पहले लोगों की जान बचानी चाहिए. भाजपा ने एक महीने के लिए चुनाव स्थगित करने की मांग की है. बता दें कि हाल ही में कोलकाता नगर निगम के चुनाव हुए थे. 22 जनवरी को बिधाननगर, सिलीगुड़ी, आसनसोल और चंद्रनगर नगर निगम के चुनाव होने हैं.
पश्चिम बंगाल भाजपा के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि जिस तरह से संक्रमण फैल रहा है, खासकर गुरुवार को कोरोना के मरीजों की जो संख्या आई थी, उसे देखते हुए बंगाल भाजपा मांग करती है कि निकाय चुनाव कम से कम एक महीने के लिए स्थगित कर दिया जाए.
बता दें कि पश्चिम बंगाल में 6 जनवरी को कोरोना के 15 हजार 421 नए मामले सामने आए थे, जबकि 19 कोरोना के मरीजों की मौत भी हुई थी. पश्चिम बंगाल में कोरोना की पॉजिटिविटी रेट करीब 25 फीसदी तक पहुंच गई है. संक्रमण की ये दर मुंबई और दिल्ली से भी ज्यादा है.
कोरोना मरीजों के लिए ममता दीदी की पहल
उधर, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से अनोखी पहल शुरू की गई है. दरअसल वे राज्य में कोरोना मरीजों को फलों की टोकरी पहुंचा रही हैं. इस टोकरी पर लिखा है- गेट वेल सून- ममता बनर्जी. इस तरह की फिलहाल 10 हजार फलों की टोकरियां बनवाई गई हैं और समूचे कोलकाता शहर में इन्हें भेजने का काम शुरू किया गया है. गेट वेल सून संदेश के साथ फलों की टोकरी ले जाने का जिम्मा पार्षदों को दिया गया है. पार्षद कोरोना पीड़ितों के घर घर जाकर फल की टोकरी दे रहे हैं. जहां ज्यादा संक्रमण है वहां बिल्डिंग या घर के बाहर फल की टोकरी रख कर घरवालों को फोन किया जा रहा है.
बता दें कि इसी सप्ताह कोरोना और ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों को देखते पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव ने प्रतिबंधों की घोषणा की है. ऐसे में सभी बाजारों को सैनिटाइज किया जाएगा. मुख्य सचिव ने कहा कि हम सभी चैंबर्स और मार्केट कमेटी से बाजारों को सैनिटाइज करने की अपील करते हैं. घबराने की जरूरत नहीं है. हालांकि कोविड के मामले बढ़ रहे हैं लेकिन हम इसके लिए तैयारी कर रहे हैं. जहां 5 से ज्यादा केस हैं वहां माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाया जाएगा. बंगाल में कुल बेड ऑक्यूपेंसी 1.5 प्रतिशत है, इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है.
पश्चिम बंगाल के लिए एक प्रिडिक्शन भी काफी खतरनाक साबित हो सकती है. कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि बंगाल में एक दिन में 30 से 35 हजार मामले भी सामने आ सकते हैं. अब ये प्रिडिक्शन अभी तेजी से बढ़ रहे मामलों को देखते हुए लगाई गई है. ऐसे में सरकार खासा सतर्क हो गई है.