दिल्ली सरकार ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों में सुधार के लिए असेसमेंट यूनिट बनाई है. ये यूनिट स्कूलों का कई पैमानों पर मूल्यांकन करेगी. कमियों और खामियों को तलाशकर उन्हें संबंधित अफसरों तक भेजेगी. जिससे बिना देर किए स्कूलों की गुणवत्ता में सुधार आ सके.
असेसमेंट यूनिट की पहली मीटिंग गुरुवार को हुई, जिसकी अगुवाई दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने की. सिसोदिया का दावा है कि इस तरह की यह पहली यूनिट है. शिक्षा विभाग के अफसरों के मुताबिक दिल्ली सरकार की ये महत्वाकांक्षी यूनिट होगी. जिसका मकसद सरकार की उन योजनाओं को सही ढंग से कार्यांन्वित करना होगा जो पिछले वर्षों के दौरान स्कूलों में सुधार के लिए बनाई गई हैं.
मनीष सिसोदिया ने एक ट्वीट करके भी इस समिति के बारे में कहा है कि असेसमेंट यूनिट शिक्षा के क्षेत्र में एक गेम चेंजर साबित होगी. यह प्रयास शिक्षा को सिलेबस और एग्ज़ाम पेपर से जुड़ी दिक्कतों से मुक्त करेगा. असेसमेंट यूनिट का मकसद स्कूलों को एक ऐसी जगह में बदलने का है, जिसमें स्कूल पढ़ने के साथ ही सीखने की जगह बनेंगे.
Chaired the 1st meeting of newly set up 'Assessment unit' in Education dept.
The 1st of its it's kind in the country, this unit shall be a game changer to make the education free from the clutches of syllabus & exam-papers... And transform the schools into real learning place. pic.twitter.com/F6vxGo7aMe
— Manish Sisodia (@msisodia) December 14, 2017
गौरतलब है कि शिक्षा मंत्री के तौर पर मनीष सिसोदिया ने स्कूली शिक्षा को लेकर तमाम नए प्रयोग शुरू किए हैं. सरकार का दावा है कि पिछले वर्षों में सरकारी स्कूलों के स्तर में सुधार आ रहा है. अब शिक्षा मंत्री का ये नया दावा है जिसे वो देशभर की शिक्षा व्यवस्था के लिए गेम चेंजर मान रहे हैं. लेकिन अभी भी चुनौती निजी और सरकारी स्कूलों को एक स्तर पर लाने की है.