पंजाब और गोवा विधानसभा चुनावों में शिकस्त झेलने के बाद अब आम आदमी पार्टी के मुखि़या और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल खुद दिल्ली नगर निगम चुनावों की कमान संभालेंगे. गोवा और पंजाब में भारी जीत के दावे करने के बावजूद हारने की स्थिति में अरविंद केजरीवाल की साख दिल्ली नगर निगम चुनावों पर टिकी है. ऐसे सियासी कयास लगाए जा रहे हैं कि निगम चुनाव हारने की स्थिति में वे सियासी बवंडर में फंस सकते हैं. आम आदमी पार्टी के विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक अब वे स्वयं इन चुनावों की कमान संभालेंगे.
इतना ही नहीं पार्टी सूत्रों का कहना है कि वे अब तक बांटे गए टिकटों पर पुनर्विचार कर सकते हैं. हालांकि अब तक जारी 200 उम्मीदवारों की लिस्ट में ज्यादातर पार्टी के ही कार्यकर्ता हैं. इनमें से अधिकांश कार्यकर्ता वहीं हैं जो पार्टी की शुरुआत से ही अरविंद केजरीवाल के साथ जुडे रहे हैं. ऐसी स्थिति में एमसीडी का चुनाव बीजेपी के साथ-साथ आम आदमी पार्टी के लिए भी नाक का सवाल बन गया है.
आम आदमी पार्टी भी अब किसी तरह की कोताही नहीं बरतना चाहती. शायद यही वजह है कि खुद अरविंद केजरीवाल एमसीडी चुनावों की कमान अपने हाथ में लेने को तैयार हैं. वे चुनाव प्रचार के साथ-साथ टिकट वितरण में भी खासी रुचि ले रहे हैं. वे पार्टी की हर तैयारी पर नजर रख रहे हैं और भरपूर प्रचार भी करेंगे. यहां हम बताते चलें कि आम आदमी पार्टी को पंजाब से काफी उम्मीदें थीं. पार्टी को लग रहा था कि वे पंजाब चुनाव जीत जाएंगे और यही लहर उन्हें दिल्ली नगर निगम चुनाव में भी मदद करेगी लेकिन ऐसा हो न सका.
दिल्ली नगर निगम में सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रही बीजेपी पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों से गदगद है. उनका मानना है कि वे आम आदमी पार्टी से सीधी लड़ाई में हैं. दिल्ली की लंबे समय तक सत्ता संभालने वाली कांग्रेस चुनाव को त्रिकोणीय बनाने की जद्दोजहद में लगी है. ऐसे में एक और चुनावी हार में आम आदमी पार्टी के राजनीतिक भविष्य पर सवालिया निशान खड़ी करने की क्षमता है.