मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला तेज कर दिया है. केजरीवाल ने भाजपा और NDA शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 में प्रस्तावित संशोधनों के संबंध में पत्र लिखा है. हाल ही में आम आदमी पार्टी के मुखिया एलान कर चुके हैं कि वो इस मामले में गैर-बीजेपी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मुलाकात करेंगे.
भाजपा और NDA शासित राज्यों के मुख्य मंत्रियों को भेजे पत्र में केजरीवाल ने अपील करते हुए लिखा है, 'आप प्रधानमंत्री जी से व्यक्तिगत रूप से मिलकर उन्हें इन खतरों से अवगत कराएं. मैं जानता हूं कि आप भाजपा/NDA से हैं और आपके लिए इसके खिलाफ बोलना मुश्किल होगा. लेकिन केन्द्र सरकार इन संशोधनों को संसद के शीतकालीन सत्र में पास करवाना चाहती है, जो बेहद खतरनाक हैं.'
केजरीवाल ने आगे लिखा है, 'अगर इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 में प्रस्तावित संशोधन पास हो जाते हैं तो बिजली क्षेत्र की सारी शक्तियां केन्द्र सरकार में निहित हो जाएंगी. राज्य सरकारें कोई भी निर्णय नहीं ले पाएंगी. देश भर में बिजली के दामों में भारी वृद्धि होगी. इससे गरीब और मध्यम वर्गीय परिवार और किसान बुरी तरह पिस जाएंगे. केन्द्र सरकार क्रॉस-सब्सिडी खत्म करना चाहती है. अभी लगभग हर राज्य सरकार औद्योगिक और व्यावसायिक इस्तेमाल पर ज्यादा बिजली के रेट लेती है और उस पैसे से किसानों को या तो फ्री बिजली देती है या फिर बहुत ही कम पैसे लेती है.'
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चिंता जताई है कि अगर केन्द्र सरकार द्वारा प्रस्तावित संशोधन पास हो गए तो औद्योगिक, व्यावसायिक, घरेलू और खेती-सभी के बिजली के एक ही रेट हो जाएंगे. केन्द्र सरकार का बिजली में सट्टाबाजारी शुरू करने का भी प्रस्ताव है. इससे तो बिजली बहुत ही महंगी हो जाएगी. साथ ही किसानों और घरेलू उपभोक्ताओं की तो कमर ही टूट जाएगी.
अरविंद केजरीवाल ने भाजपा/NDA शासित मुख्यमंत्रियों से सवाल किया है कि क्या आपको लगता है कि ये सही कदम है? केजरीवाल ने अपने खत में सभी मुख्यमंत्रियों को इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 में प्रस्तावित संशोधनों के उस पत्र को भी संलग्न किया है, जो 7 सितंबर 2018 को भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भेजा गया था.