दिल्ली सहित देश के तमाम इलाकों में प्याज की कीमतें आसमान छू रही हैं. दिल्ली में तो इसके भाव 60 से 80 रुपए किलो तक पहुंच गए हैं. दिल्ली के लोगों को प्याज की रुलाती कीमतों से निजात दिलाने के लिए दिल्ली सरकार ने एक फैसला किया है. फैसले में कहा गया है कि सरकार मोबाइल वैन से 24 रुपए प्रति किलो प्याज बेचेगी. इसके लिए टेंडर भी निकाल दिए गए हैं. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को इसका ऐलान किया.
गौरतलब है कि प्याज के दाम को काबू में रखने के लिए सरकार की ओर से इस जून से ही किए जा रही कोशिशें फेल साबित हो रही हैं. प्याज ने देश के आम उपभोक्ताओं को रुलाना शुरू कर दिया है.
देश की राजधानी दिल्ली स्थित आजादपुर मंडी में प्याज का थोक भाव 50 रुपये प्रति किलो हो गया है, जोकि 2015 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है.
वहीं, एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी महाराष्ट्र के लासलगांव में भी प्याज 50 रुपये प्रति किलो बिकने लगा है. कारोबारियों ने बताया कि देश में प्याज का स्टॉक काफी कम है, जिसकी वजह से मंडियों में प्याज कम आ रही है. खपत के मुकाबले आवक कम होने से प्याज की कीमत बढ़ रही है.
Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal on recent increase in price of onions: We are procuring onions and we will try to supply it at Rs 24 through mobile vans. Tenders have been floated for this. pic.twitter.com/CVvQEQvFt0
— ANI (@ANI) September 23, 2019
आजादपुर मंडी के कारोबारी और ऑनियन मर्चेंट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट राजेंद्र शर्मा ने कहा कि दक्षिण भारत के राज्यों में भारी बारिश के कारण प्याज की फसल खराब होने व नई फसल की तैयारी में विलंब हो जाने की आशंकाओं से प्याज की कीमतों को और सपोर्ट मिल रहा है. शर्मा ने बताया कि इससे पहले 2015 में प्याज का भाव 50 रुपये किलो से ऊपर चला गया था.
प्याज के दाम को नियंत्रण में रखने के लिए सरकार ने पिछले सप्ताह इसका न्यूनतम निर्यात मूल्य यानी एमईपी 850 डॉलर प्रति टन निर्धारित कर दिया ताकि निर्यात पर पाबंदी से देश के बाजारों में प्याज की सप्लाई में कमी नहीं आए.
विदेश व्यापार महानिदेशालय यानी डीजीएफटी के 13 सितंबर की अधिसूचना के अनुसार, प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य 850 डॉलर प्रति टन (एफओबी) से कम भाव पर निर्यात की अनुमति तब तक नहीं होगी, जब तक इस संबंध में अगला आदेश नहीं आता है.