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AAP के सभी वायदे खोखले,पानी का बिल बढ़ाना गलत: कांग्रेस

अजय माकन ने कहा कि केजरीवाल सरकार को दिल्ली की उस जनता की कोई परवाह नही है जिसने उनको अप्रत्याशित बहुमत देकर दिल्ली की सत्ता दिलाई. आप पार्टी की दिल्ली सरकार ने सत्ता में आने बाद अपने 3 वर्ष के शासन में ही पानी की दरों में 30 प्रतिशत की वृद्धि कर दी है, आने वाले 2 वर्षों में वह दिल्ली की जनता से किए गए वायदों को तोड़कर पानी की दरों में और वृद्धि करेगी.

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अजय माकन
अजय माकन

दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने दिल्ली सरकार द्वारा उपभोक्ताओं के एक महीने में 20,000 लीटर से अधिक पानी उपयोग करने पर पानी की दरों में 20 प्रतिशत की वृद्धि के निर्णय की कड़ी निंदा की है. अजय माकन ने कहा कि आप पार्टी ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में किए गए वायदों को व्यवस्थित ढंग से तोड़ कर 2015 सत्ता में आने के कुछ दिन बाद ही केजरीवाल सरकार ने पानी की दरों में 10 प्रतिशत की वृद्धि कर दी थी.

अजय माकन ने कहा कि केजरीवाल सरकार को दिल्ली की उस जनता की कोई परवाह नहीं है जिसने उनको अप्रत्याशित बहुमत देकर दिल्ली की सत्ता दिलाई. आप पार्टी की दिल्ली सरकार ने सत्ता में आने बाद अपने 3 वर्ष के शासन में ही पानी की दरों में 30 प्रतिशत की वृद्धि कर दी है, आने वाले 2 वर्षों में वह दिल्ली की जनता से किए गए वायदों को तोड़कर पानी की दरों में और वृद्धि करेगी.

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माकन ने आप पार्टी की दिल्ली सरकार द्वारा पानी की दरों में वृद्धि के इस कदम को जनविरोधी बताया क्योंकि आप पार्टी ने अपने चुनावी वायदों में दिल्ली की जनता को एक महीने में 20,000 लीटर पानी मुफ्त देने का वायदा किया था. माकन ने कहा कि आप पार्टी ने 2015 में सत्ता में आने के तुरंत बाद ही प्रतिमाह 20,000 लीटर से अधिक पानी उपयोग करने पर पानी की दरों में 10 प्रतिशत की वृद्धि कर दी थी. माकन ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने पानी की दरों में अत्यधिक बढ़ोत्तरी कर 3 वर्ष के शासन काल में ही 30 प्रतिशत की वृद्धि कर दी है. जबकि उन्होने सत्ता में आने से पहले मुफ्त पानी देने का वायदा किया था. अन्य वादों की तरह केजरीवाल का यह वादा भी खोखला साबित हुआ.

माकन ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने अपने चुनाव में किए गए सभी वायदों को व्यवस्थित ढंग से तोड़ रही है. अब केजरीवाल सरकार बिजली के दामों में वृद्धि कर सकती है. उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार को दिल्ली की उस जनता की कोई परवाह नहीं है जिस जनता ने उनको अप्रत्याशित बहुमत देकर दिल्ली की कुर्सी पर बिठाया.

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