दिल्ली की एक अदालत ने एक सीबीआई अधिकारी से यह जानकारी देने के लिए अदालत में आने को कहा कि क्या 2010 में हुए राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान सामने आये भ्रष्टाचार में शामिल रहने के आरोपों में मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और अन्य के खिलाफ शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज कराई गयी है.
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट मनीष यदुवंशी ने सीबीआई की पुलिस अधीक्षक मीनू चौधरी को नोटिस जारी कर 27 नवंबर को उनके समक्ष पेश होने को कहा.
एसीएमएम ने कहा कि सीबीआई से इस बाबत कोई संदेश नहीं मिला है कि आरटीआई कार्यकर्ता विवेक गर्ग द्वारा दाखिल शिकायत पर सीबीआई ने कोई प्राथमिकी दर्ज की है या नहीं.
उन्होंने अपने आदेश में कहा, ‘संदेश में इस ओर संकेत नहीं है कि सीबीआई ने हो रही जांच के सिलसिले में प्राथमिकी दर्ज की है या नहीं. मीनू चौधरी को इस संबंध में 27 नवंबर को पेश होने के लिए नोटिस जारी किया जाता है.’
यह मामला गर्ग द्वारा अपने वकील हरिओम गुप्ता के माध्यम से सीडब्ल्यूजी की अनेक परियोजनाओं में कथित भ्रष्टाचार को लेकर मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, लोक निर्माण विभाग मंत्री राजकुमार चौहान और राष्ट्रमंडल खेल आयोजन समिति के पूर्व अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी के खिलाफ दाखिल शिकायत से संबंधित है.
दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) से शिकायत की गयी थी और ईओडब्ल्यू ने बाद में अदालत को बताया था कि उसने इसे सीबीआई को भेज दिया क्योंकि वह राष्ट्रमंडल खेलों से जुड़े अनेक मामलों की जांच कर रही है. ईओडब्ल्यू की दलील पर अदालत ने उससे 26 सितंबर को कहा था कि सीबीआई से उसे भेजी गयी शिकायत की स्थिति का पता लगाया जाए.
सीबीआई ने बदले में ईओडब्ल्यू को बताया था कि जिन आरोपों में जांच की गयी, उनसे पता चला कि शिकायत में दर्ज अनेक स्टेडियमों के संबंध में कई आरोप पहले ही सीबीआई द्वारा दर्ज अनेक मामलों की जांच के दायरे में ले लिये गये हैं.