दिल्ली के वीर चौक बाजार के पास 29-30 जून की दरम्यानी रात को 12-13 लोगों ने एक 14 वर्षीय लड़के की हत्या कर दी थी. जिसमें कम से कम छह नाबालिग भी शामिल थे. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पुष्टि हुई है कि लड़के के साथ कुकर्म भी किया गया था और फिर उसे 24 बार चाकू मारा गया था. हत्या के बाद आरोपियों ने उसके शव को मुनक नहर में फेंक दिया था. जिसके बाद से ही पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही थी.
इसी बीच 18 जुलाई को कांवड़ियों के वेश में दिल्ली पुलिस टीम ने उत्तर प्रदेश के मेरठ स्थित एक कांवड़ शिविर में छापेमारी की. जहां से एक आरोपी मोनू (19) और दो अन्य नाबालिगों को हिरासत में लिया गया. जानकारी के अनुसार पुलिस ने अब तक 10 संदिग्धों को पकड़ा है. इनमें कृष्णा उर्फ भोला (19), उसका भाई सूरज (18), अश्मित उर्फ चल्लू (18) और चार नाबालिग शामिल हैं.
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मुखबिरी के शक में की गई थी हत्या
जांच से पता चला है कि आरोपी कृष्णा को शक था कि मृतक लड़का और उसके दोस्त कुख्यात बधावर बंधुओं के गैंग के लिए उसकी मुखबिरी करते हैं. कुख्यात बधावर बंधु मोनू और सोनू इस वक्त जेल जेल में बंद हैं. बधावर बंधुओं ने 2024 में दिवाली की पूर्व संध्या पर कृष्णा को पीटा था और अपमानित किया था. बदला लेने के लिए कृष्णा ने महीनों तक हत्या की साजिश रची थी. हालांकि, इसी प्लान की मुखबिरी के शक में नाबालिग की हत्या कर दी गई.