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चांदनी चौक के टाउन हॉल में लहराया 104 फीट ऊंचा तिरंगा

केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने तिरंगा यात्रा कार्यक्रम के अंतर्गत टाउन हॉल में करीब 104 फीट ऊंचा तिरंगा फहराया. 20x30 फीट का ये राष्ट्रीय ध्वज भूतल से 104 फीट ऊंचा है, पोल की चौड़ाई करीब 2 फीट और वजन लगभग डेढ़ टन है.

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चांदनी चौक में 104 फीट ऊंचा तिरंगा
चांदनी चौक में 104 फीट ऊंचा तिरंगा

एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्यप्रदेश में चंद्रशेखर आजाद की जन्मस्थली से तिरंगा यात्रा कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे, तो वही देश की राजधानी दिल्ली में भारत सरकार के कार्यक्रम तिरंगा यात्रा की शुरुआत राजधानी के ऐतिहासिक चांदनी चौक इलाके से हुई.

रात में भी बरकरार रहेगी तिरंगे की शान
केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने तिरंगा यात्रा कार्यक्रम के अंतर्गत टाउन हॉल में करीब 104 फीट ऊंचा तिरंगा फहराया. 20x30 फीट का ये राष्ट्रीय ध्वज भूतल से 104 फीट ऊंचा है, पोल की चौड़ाई करीब 2 फीट और वजन लगभग डेढ़ टन है. पोल के ऊपरी हिस्से में अशोक स्तंभ चिन्हित किया गया है. तिरंगे की शान रात में भी बरकरार रहे, इसीलिए फोकस लाइट की भी व्यवस्था की गई है.

इस तिरंगे से खतरे की भी मिलेगी सूचना
खास बात ये है कि इस तिरंगे को उतारने और फहराने के लिए इलेक्ट्रिक मोटर की व्यवस्था की गई है. पोल के ऊपरी हिस्से पर दो लाल लाइटें भी लगाई गई हैं, जो किसी भी खतरे की सूचना देने का काम करेगी. ध्वजारोहण कार्यक्रम में चांदनी चौक की विधायक अलका लांबा, उत्तरी दिल्ली नगर निगम के महापौर संजीव नैयर, इलाके की पार्षद सुरेखा गुप्ता और डीसीपी मधुर वर्मा मौजूद थे.

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केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने की एक साथ काम करने की अपील
'अंग्रेजो भारत छोड़ो' का नारा आज से 75 साल पहले 9 अगस्त को ही दिया गया था. लिहाजा भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ के साथ इस तिरंगा यात्रा की शुरुआत के मौके पर डॉ हर्षवर्धन ने लोगों को एकजुट रहकर देश के विकास में सहयोगी बनने की अपील की. डॉ हर्षवर्धन ने पोलियो के खिलाफ संघर्ष की मिसाल पेश करते हुए कहा कि जब हम पोलियो से लड़ने के लिए बीजेपी, कांग्रेस, छात्र, व्यापारी, महिला पुरुष होने का अंतर भूल सकते हैं, तो हमें देश के विकास के लिए भी मतभेदों को परे रखकर एक साथ काम करना होगा.

'अब भगत सिंह की तरह फांसी पर झूलने की जरुरत नहीं'
डॉ हर्षवर्धन ने देश के युवाओं से अपील करते हुए कहा कि आजादी के लिए अब भगत सिंह की तरह फांसी पर झूलने की जरुरत नहीं है. हम सबका सौभाग्य है कि हम आजाद भारत में जन्मे हैं. इसीलिए युवाओं को समाज में समरसता और सकारात्मकता का माहौल बनाना चाहिए. इस मौके पर देश को आजादी दिलाने वाले क्रांतिकारियों के योगदान को भी याद किया गया. महात्मा गांधी से लेकर भगत सिंह, चंद्र शेखर आजाद से लेकर लाल बहादुर शास्त्री जैसे सपूतों को नमन किया गया.

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