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जमीन अतिक्रमण मामले में 'भगवान शंकर' की होनी थी पेशी, शिवलिंग लेकर कोर्ट पहुंचे लोग

रायगढ़ में जमीन अतिक्रमण के मामले में कौवाकुंडा गांव के निवासी रिक्शे में शिवलिंग को लेकर न्यायालय पहुंच गए. दरअसल, तहसीलदार कोर्ट ने भगवान शंकर को नोटिस जारी कर तलब किया था. तहसीलदार कोर्ट में मौजूद नहीं थे. इसलिए भगवान शंकर को पेशी की नई तारीख 13 अप्रैल मिली है.

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शिवलिंग लेकर कोर्ट पहुंचे ग्रामीण.
शिवलिंग लेकर कोर्ट पहुंचे ग्रामीण.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जमीन अतिक्रमण मामले में भगवान शंकर की थी पेशी
  • शिवलिंग को रिक्शे में लेकर कोर्ट पहुंचे गांव के लोग
  • पेशी के लिए भगवान शंकर को मिली अगली तारीख

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में एक अजीबोगरीब वाकया देखने को मिला. दरअसल, यहां तहसीलदार कोर्ट ने भगवान शंकर को नोटिस जारी कर तलब किया था. नहीं आने पर 10 हजार रुपये जुर्माना और बेदखली की चेतावनी भी दी गई थी. अब भगवान शंकार की पेशी थी तो लोग असमंजस में थे कि उन्हें कोर्ट तक कैसे ले जाया जाएं. लेकिन मंदिर से जुड़े लोगों और भक्तों ने इसका अनूठा रास्ता खोज निकाला.

मंदिर के शिवलिंग को नाग समेत उखाड़ दिया और रिक्शे में बैठाकर कोर्ट पहुंच गए. तहसीलदार कोर्ट में मौजूद नहीं थे. इसलिए भगवान शंकर को पेशी की नई तारीख 13 अप्रैल मिली है.

प्रशासन की इस हरकत से सकते में लोग

बता दें कि हाईकोर्ट में कुछ दिनों पहले अवैध कब्जे को लेकर याचिका लगाई गई थी. जिसके बाद प्रशासन ने नोटिस जारी किया था. रायगढ़ शहर के कौवाकुंडा स्थित शिव मंदिर को अवैध कब्जे की शिकायत की नोटिस दी गई थी. नोटिस भगवान शंकर के नाम से था. इसलिए यह प्रकरण काफी सुर्खियों में रहा. लेकिन किसी ने सोचा नहीं था कि भगवान शंकर को उखाड़ कर कोर्ट में पेश किया जाएगा.

हालांकि इसका विरोध अब तक कहीं से नहीं हो पाया है. लेकिन प्रशासन की इस हरकत से लोग सकते में हैं. वहीं, तहसीलदार कोर्ट के बाहर 13 अप्रैल की पेशी का नोटिस चस्पा कर दिया गया है. 

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