छत्तीसगढ़ के चांपा जांजगीर जिले के कलेक्टर दफ्तर में उस समय हड़कंप मच गया, जब एक किसान जहर खा कर जनदर्शन कार्यक्रम में दाखिल हो गया. इस किसान के मुंह से जब लोगों ने झाग निकलते देखा, तो इसकी सूचना कलेक्टर को दी. पीड़ित किसान को फौरन अस्पताल में दाखिल कराया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
खेती में नुकसान से परेशान था किसान
छत्तीसगढ़ के जांजगीर के सरकारी अस्पताल में चालीस साल के जगदीश बघेल को भर्ती कराया गया. जगदीश ग्राम कुर्द का रहने वाला था. बताया जाता है कि खेती-किसानी में हुए नुकसान के चलते वो अपना हाल बताने के लिए कलेक्टर दफ्तर पंहुचा था. उस वक्त कलेक्टर साहब जन दर्शन कार्यक्रम के तहत लोगों की फरियाद सुन रहे थे. दर्जनों फरियादियों के बीच जगदीश अचानक चीखते हुए पंहुचा. उसके मुंह से निकलते झाग को देख कर यह समझने में देर नहीं लगी कि उसने जहर खाया है. मौके पर मौजूद सरकारी अफसरों ने जगदीश को फौरन अस्पताल भेजा. यहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. डाक्टरों के मुताबिक घटना के लगभग डेढ़-दो घंटे पहले जगदीश ने जहर का सेवन किया था. इससे पूरा जहर उसके शरीर में फैल चुका था.
अस्पताल में भर्ती कराने के बाद भी नहीं बची जान
ए.एस.पी पंकज चंद्रा के मुताबिक जगदीश ने वर्ष 2015 में कर्जदारों की शिकायत एसपी से की थी. चांपा थाना प्रभारी ने इसकी जांच की थी. जांच के बाद जगदीश को कोर्ट जाने की सलाह दी गई थी. कलेक्टर डॉ.एस भारतीदासन, अपर कलेक्टर डीके सिंह, एसडीएम अजय उरांव जनदर्शन कार्यक्रम के अंतर्गत कक्ष में लोगों की समस्या सुन रहे थे. बाहर शिकायत लेकर आए लोगों की भीड़ लगी थी, इसमें किसान जगदीश बघेल भी था. बाहर बैठे-बैठे किसान के मुंह से अचानक झाग निकलने लगा. किसान की हालत देखकर कार्यक्रम में आए अन्य फरियादियों ने कलेक्टर को इसकी जानकारी दी. सूचना पर तुरंत ही उसे एसडीएम की गाड़ी से जिला अस्पताल भेजा गया, लेकिन जहर की मात्रा अधिक होने के कारण उसकी मौत हो गई.
कलेक्टर के पास किसान का आवेदन
जगदीश बघेल के परिवार में उसकी पत्नी समेत दो लड़के और दो लड़कियां है. बताया जा रहा है कि उनके परिवार का खेत-खलिहान गिरवी रखा है, जिन लोगों ने उन्हें कर्ज दिया था, उन्होंने उसकी जमीन अपने कब्जे में ले ली है. जगदीश के पास से कलेक्टर को लिखा एक आवेदन मिला है. उसमें उसने कर्ज से परेशान होने का जिक्र किया है.
पुलिस ने दर्ज की FIR
फिलहाल जगदीश की मौत के बाद पुलिस ने सक्रियता दिखाई है. अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. दरअसल छत्तीसगढ़ में लगातार सूखे की वजह से बीते एक साल में 66 किसान आत्महत्या कर चुके हैं. इस साल भी राज्य के ज्यादातर जिलों में सूखे के हालात हैं.
15 अक्टूबर के बाद सरकारी पैकेज का लाभ
सरकार ने किसानों को 21 सौ करोड़ का पैकेज दिया है, लेकिन इस पैकेज का लाभ किसानों को 15 अक्टूबर के बाद मिलेगा. जब तक खेत-खलिहानों में फसलों की नुकसान की रिपोर्ट सरकारी दफ्तरों तक पहुंचेगी. दूसरी ओर घर चलाने के लिए किसानों को बैंको की बजाए स्थानीय साहूकारों से कर्ज पर निर्भर होना पड़ा है. ये साहूकार ऊंची ब्याज दरों पर किसानो को कर्ज दे रहे हैं. दूसरी ओर समय पर कर्ज की अदायगी नहीं होने से उनके खेतों पर कब्जा कर रहे हैं.