छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे मुख्य निर्वाचन आयुक्त ओ.पी. रावत ने कड़ा रुख इख्तियार करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि चुनाव में किसी भी प्रकार की हीलाहवाली बर्दाश नहीं होगी. उन्होंने उन आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि किसी भी अधिकारी के खिलाफ किसी भी राजनीतिक दलों से प्रेरित हो कर काम करने की अगर कोई सूचना मिली तो उन अफसरों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. अपने दो दिवसीय प्रवास के दौरान ओ.पी. रावत ने राजनीतिक दलों के अलावा आला अधिकारियों के साथ कई मैराथन बैठकें भी की.
ओ.पी. रावत ने बताया कि घोर नक्सल प्रभावित इलाकों में लगे पोलिंग पार्टी और EVM मशीनों को एक्स्ट्रा हेलीकॉटर के जरिये वापस लाया जाएगा. उनके मुताबिक सारे केन्द्रों में सीसीटीवी व वीडियोग्राफी से निगरानी रखी जायेगी, ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी ना हो सके. इसके अलावा हर जिले में मीडिया मॉनिटरिंग सेल भी बनाया जाएगा, जो वेब और फेक न्यूज पर नजर रखेगी.
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में चुनाव की तैयारियां अच्छे ढंग से चल रही हैं, लेकिन अभी भी बहुत कुछ करना बाकी है. ओ.पी. रावत के मुताबिक आदर्श आचार संहिता को लेकर आयोग अलर्ट है, इसका किसी भी सूरत में उल्लंघन नहीं होने दिया जायेगा. इसके लिए पर्याप्त संख्या में पर्यवेक्षकों को तैनाती की जाएगी.
ओ.पी. रावत के मुताबिक सभी राजनीतिक दलों ने एक आवाज में कहा है कि राज्य में स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान हो. जिस पर मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि चुनावी कार्य में लगे अफसरों को मतदान के लिए चाक-चौबंद सुरक्षा इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं.
पारदर्शी मतदान पर जोर देते हुए ओ.पी. रावत ने बताया कि धनबल और बाहुबल का जोर चुनाव में चलने नहीं दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि आयोग इस बात को लेकर आश्वस्त करता है कि चुनाव निष्पक्ष ढंग से पूर्ण किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल की ओर से व्यय और पर्यवेक्षकों को खर्च पर प्रभावी नियंत्रण रखने के लिए निर्देश दिए गए हैं.
उन्होंने बताया कि शराब और अन्य चीजों को रोकने के लिए पर्यवेक्षक मुस्तैद रहेंगे. ओ.पी. रावत के मुताबिक राज्य में कुल 23632 पोलिंग सेंटर बनाए जा रहे हैं. सारे केंद्रों पर वीवीपीएटी मशीन का इंतजाम रहेगा जिससे वोटर किसे वोट दे रहे हैं उसकी वो खुद पुष्टि कर सकें.